RJD के प्रचार से गायब लालू, तेजस्वी पर टिकी पार्टी की उम्मीदें
बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के संस्थापक लालू प्रसाद यादव, जो कभी हर चुनावी पोस्टर का चेहरा हुआ करते थे, अब इस बार गायब हैं।
मौजूदा विधानसभा चुनाव में पार्टी ने पूरी कमान तेजस्वी प्रसाद यादव को सौंप दी है। INDIA गठबंधन की ओर से तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का एकमात्र चेहरा घोषित किया गया है।
“बिहार का नया नायक” बना तेजस्वी यादव
इस बार RJD के पोस्टरों में तेजस्वी यादव को “बिहार का नया नायक” बताकर पेश किया गया है।
उनके नेतृत्व में पार्टी रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास जैसे मुद्दों पर फोकस कर रही है।
पोस्टरों, डिजिटल कैंपेन और सोशल मीडिया पर अब लालू यादव की तस्वीरें लगभग गायब हैं — जो एक बड़ा राजनीतिक संकेत माना जा रहा है।
पीढ़ीगत बदलाव की रणनीति
राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, RJD इस चुनाव में जनरेशन शिफ्ट (पीढ़ीगत बदलाव) की रणनीति पर चल रही है।
पार्टी अब युवा वोटरों को साधने के लिए तेजस्वी की छवि को आगे बढ़ा रही है, जबकि लालू यादव की लोकप्रियता को बैकग्राउंड में रखा गया है।
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अंतिम चरण के प्रचार में लालू प्रसाद की भावनात्मक अपील को “ट्रम्प कार्ड” के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
RJD के भीतर ‘लालू युग’ से ‘तेजस्वी युग’ की ओर
यह चुनाव साफ संकेत दे रहा है कि RJD अब लालू युग से तेजस्वी युग में प्रवेश कर चुकी है।
जहां पहले चुनावी नारों में “लालू जी के राज में” जैसी बातें गूंजती थीं, वहीं अब “तेजस्वी का बिहार, तरक्की की रफ्तार” जैसे नारे सामने आ रहे हैं।
RJD के पोस्टरों से लालू यादव का गायब होना सिर्फ एक रणनीति नहीं, बल्कि राजनीतिक बदलाव की नई कहानी है।
बिहार की जनता अब इस बात को लेकर उत्सुक है कि क्या तेजस्वी यादव इस बदलाव को जनादेश में बदल पाएंगे या नहीं।
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