भारत ने महिला वर्ल्ड कप 2025 का खिताब जीता
मुंबई के डी. वाई. पाटिल स्टेडियम में खेले गए महिला वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर इतिहास रच दिया।
यह जीत ठीक वैसी ही याद दिलाती है जैसी 1983 में कपिल देव की टीम ने पुरुष विश्व कप जीतकर दिलाई थी।
हरमनप्रीत कौर: सबसे उम्रदराज कप्तान बनीं जिन्होंने वर्ल्ड कप जीता
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 36 साल 239 दिन की उम्र में यह खिताब जीतकर एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया।
वह अब महिला विश्व कप जीतने वाली दुनिया की सबसे अधिक उम्र की कप्तान बन गई हैं।
हरमनप्रीत का प्रदर्शन बल्ले से भी दमदार रहा
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टूर्नामेंट में: 9 मैच, 8 पारियां, 260 रन
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औसत: 32.50
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स्ट्राइक रेट: 89.04
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नॉकआउट मैचों में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी बन गईं, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की बेलिंडा क्लार्क का रिकॉर्ड तोड़ा।
 
हरमनप्रीत ने क्या कहा मैच के बाद
“यह सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि भारतीय महिला क्रिकेट का नया अध्याय है।
इस उपलब्धि का श्रेय पूरे टीम प्रयास को जाता है।
हम हर दिन बेहतर होना चाहते हैं।
अगले साल हमारे सामने और बड़ी चुनौतियां हैं — विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी।”
— हरमनप्रीत कौर, कप्तान, भारतीय महिला टीम
अरुण धूमल ने की 1983 वर्ल्ड कप से तुलना
आईपीएल अध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा —
“1983 में कपिल देव की टीम ने जो किया था, वही आज हरमनप्रीत की टीम ने कर दिखाया है।
यह जीत महिला क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।”
फाइनल मैच का पूरा हाल
भारत की पारी:
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कुल रन: 298/8 (50 ओवर)
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शेफाली वर्मा – 87 रन
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दीप्ति शर्मा – 58 रन
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स्मृति मंधाना – 45 रन
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भारत की ओपनिंग साझेदारी – 100 रन
 
दक्षिण अफ्रीका की पारी:
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कुल रन: 246 ऑल आउट
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लौरा वोल्वार्ड्ट – 101 रन
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दीप्ति शर्मा – 5 विकेट
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शेफाली वर्मा – 2 विकेट
 
भारत की यह जीत क्यों खास है
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महिला क्रिकेट इतिहास में पहली बार भारत ने वर्ल्ड कप जीता।
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हरमनप्रीत कौर बनीं सबसे उम्रदराज विश्व कप विजेता कप्तान।
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भारत के लिए पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट में महिला और पुरुष दोनों टीमों ने विश्व खिताब जीता।
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यह जीत भारत में महिला क्रिकेट के लिए नया युग शुरू करने वाली मानी जा रही है।
 
हरमनप्रीत कौर और उनकी टीम ने दिखा दिया कि भारतीय महिलाएं अब सिर्फ खेल नहीं रही हैं, बल्कि क्रिकेट का इतिहास लिख रही हैं।
डी. वाई. पाटिल की यह शाम सिर्फ जीत नहीं, बल्कि एक युग परिवर्तन का प्रतीक बन गई।
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