Sachavaani Logo
सच्‍ची बातें, सीधी बातें – खबरें एक क्लिक में

Breaking News

Bilaspur Train Accident: मालगाड़ी पर चढ़ गई पैसेंजर ट्रेन, महिला बोगी क्षतिग्रस्त, कई लोगों की मौत; मंजर भयावह

 छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सोमवार शाम एक भीषण रेल हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। इस हादसे में अब तक 6 यात्रियों की मौत और...

शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025

आप बैठे हैं या लेटे हैं, सब जान लेता है आपका स्मार्टफोन! कैमरा बंद हो या माइक्रोफोन म्यूट, फर्क नहीं पड़ता

 



क्या आपने कभी सोचा है कि आपका फोन आपके बारे में कितना जानता है?
अगर आपको लगता है कि जासूसी केवल तभी होती है जब कैमरा या माइक्रोफोन चालू हो — तो यह खबर आपकी सोच बदल देगी।
आईआईटी-दिल्ली के एक हालिया अध्ययन ने खुलासा किया है कि आपका स्मार्टफोन केवल GPS डेटा से भी आपकी हर हरकत, आपकी गतिविधि और यहां तक कि आपके कमरे का माहौल तक समझ सकता है।


कैसे करता है आपका फोन जासूसी?

इस शोध के अनुसार, एंड्रॉयड फोन में मौजूद GPS सिस्टम केवल लोकेशन बताने के लिए नहीं बना है।
यह इतना सूक्ष्म डेटा इकट्ठा करता है कि इससे यह पता लगाया जा सकता है —

  • आप बैठे हैं या लेटे हुए हैं,

  • आप मेट्रो या फ्लाइट में सफर कर रहे हैं,

  • आपके आसपास कितने लोग हैं,

  • और यहां तक कि कमरे में कितनी हलचल है।

यानि कैमरा बंद और माइक म्यूट होने के बावजूद आपका फोन आपको “देख” और “सुन” सकता है — GPS सिग्नल्स के जरिये।


IIT Delhi का खुलासा: एंड्रोकॉन सिस्टम

यह शोध “AndroCon: An Android Phone-Based Sensor for Ambient, Human Activity and Layout Sensing using Fine-Grained GPS Information” नामक सिस्टम पर आधारित है,
जो ACM Transactions on Sensor Networks नामक इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

एंड्रोकॉन सिस्टम यह दिखाता है कि कैसे GPS सिग्नल्स का सूक्ष्म डेटा (जैसे डॉपलर शिफ्ट, सिग्नल पावर, मल्टीपाथ इंटरफेरेंस)
किसी भी इंसान की गतिविधि को ट्रैक कर सकता है — वो भी बिना कैमरा या माइक ऑन किए!


कितनी सटीक है यह प्रणाली?

आईआईटी-दिल्ली की प्रोफेसर स्मृति आर सारंगी के अनुसार,
यह रिसर्च एक साल तक चली और इसमें 40,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में कई अलग-अलग फोन मॉडलों पर परीक्षण किए गए।
नतीजा चौंकाने वाला रहा:

  • 99% सटीकता से यह सिस्टम माहौल की पहचान कर सका।

  • 87% सटीकता से यह बता सका कि व्यक्ति कौन-सी गतिविधि कर रहा है — जैसे चलना, बैठना, लेटना या हाथ हिलाना।


क्या आपका GPS आपको देख रहा है?

जब भी आप किसी ऐप को "लोकेशन एक्सेस" की अनुमति देते हैं,
वह ऐप न केवल आपकी स्थिति बल्कि आस-पास की गतिविधि, भीड़भाड़, दिशा और हलचल का अनुमान भी लगा सकता है।
यही वजह है कि कई बार फोन यह जान लेता है कि आप ऑफिस में हैं, गाड़ी चला रहे हैं या बिस्तर पर आराम कर रहे हैं।


क्या है खतरा आम यूज़र्स के लिए?

यह तकनीक जितनी एडवांस है, उतनी ही प्राइवेसी के लिए चुनौतीपूर्ण भी हो सकती है।
अगर यह डाटा किसी गलत हाथ में पड़ जाए तो इसका उपयोग ट्रैकिंग, निगरानी या हैकिंग के लिए किया जा सकता है।
इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि —

  • हर ऐप को लोकेशन एक्सेस देने से पहले सोचें।

  • बैकग्राउंड में चल रहे ऐप्स की अनुमति सीमित रखें।

  • समय-समय पर अपने फोन की प्राइवेसी सेटिंग्स जांचते रहें।



स्मार्टफोन आज हमारा साथी है, लेकिन यह साथी कितना “स्मार्ट” है, इसका अंदाजा अब विज्ञान ने दिखा दिया है।
कैमरा या माइक बंद करने से सुरक्षा पूरी नहीं होती —
क्योंकि GPS अपने आप में एक “डिजिटल आँख” है, जो हमेशा खुली रहती है।

तकनीक का विकास मानव जीवन को सुविधाजनक बनाता है,
लेकिन उसके उपयोग और दुरुपयोग की जिम्मेदारी हमेशा हमारी सजगता पर निर्भर करती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें