📘 क्या है नया निर्देश?
सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है कि अब कक्षा 1 से 8 तक केवल एनसीईआरटी (NCERT) की पुस्तकों का ही उपयोग किया जाएगा।
यह निर्देश सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर लागू होगा।
यह आदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लागू करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
📚 एनसीईआरटी की किताबें क्यों?
एनसीईआरटी यानी National Council of Educational Research and Training द्वारा प्रकाशित किताबें:
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पूरे भारत में समान शिक्षा स्तर को बढ़ावा देती हैं।
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सरल भाषा और स्पष्ट उदाहरणों के ज़रिए विषय समझाने में मदद करती हैं।
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NEP 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप अपडेट की जा रही हैं।
🧑🏫 किस स्कूलों पर लागू होगा ये आदेश?
स्कूल का प्रकार | लागू या नहीं? |
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सरकारी स्कूल | ✔️ लागू |
सहायता प्राप्त स्कूल | ✔️ लागू |
निजी स्कूल | ✔️ लागू (1–8 तक) |
कक्षा 9वीं से ऊपर के लिए स्कूलों को पाठ्यक्रम चयन में कुछ स्वतंत्रता मिलेगी, लेकिन इसके लिए भी राज्य बोर्ड या CBSE की गाइडलाइंस का पालन करना होगा।
🎯 इस फैसले का उद्देश्य क्या है?
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शिक्षा में एकरूपता लाना – देशभर के छात्रों को समान गुणवत्ता की शिक्षा मिले।
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बोझ घटाना – निजी पब्लिशिंग हाउस की भारी-भरकम और महंगी किताबों से छुटकारा।
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राष्ट्रीय पहचान मजबूत करना – भारतीय संस्कृति, भाषा और मूल्यों पर आधारित शिक्षा।
🧒 माता-पिता और छात्रों पर प्रभाव
✅ फायदे:
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किताबों का खर्च कम होगा
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परीक्षा पैटर्न में समानता आएगी
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कोचिंग और ट्यूशन की ज़रूरत कम हो सकती है
❌ चुनौतियां:
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निजी स्कूलों की विशेष सामग्री या "ब्रांडेड" किताबें बंद होंगी
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भाषा या क्षेत्रीय विविधता में कुछ स्कूलों को समायोजन में दिक्कत हो सकती है
🏫 निजी स्कूलों की प्रतिक्रिया
कुछ प्रतिष्ठित निजी स्कूलों ने चिंता जताई है कि केवल NCERT की किताबें उनकी "शिक्षा की गुणवत्ता" और ब्रांड वैल्यू को प्रभावित कर सकती हैं।
हालांकि शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि यह निर्णय छात्रों के हित में है, और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए NCERT किताबों को लगातार अपडेट किया जा रहा है।
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