क्या है भारत–UK Free Trade Agreement?
Free Trade Agreement (FTA) वह समझौता होता है जिसमें दो देश आपसी व्यापार पर लगने वाले शुल्क या करों को घटाते या समाप्त करते हैं ताकि दोनों देशों के उत्पादों और सेवाओं को एक-दूसरे के बाजारों तक बेहतर पहुंच मिल सके।
भारत और ब्रिटेन के बीच यह समझौता करीब तीन साल की लंबी बातचीत के बाद अब पूरा होने जा रहा है। दोनों देशों की सरकारों ने इस पर सैद्धांतिक सहमति पहले ही बना ली थी और अब प्रधानमंत्री मोदी के दौरे के दौरान इसे औपचारिक रूप दिया जा रहा है।
इस समझौते से भारत को क्या लाभ होगा?
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99% भारतीय निर्यात वस्तुओं पर शून्य शुल्क लगेगा। इसमें कपड़े, चमड़ा, फार्मास्यूटिकल्स, गहने, मशीनरी, कृषि उत्पाद आदि शामिल हैं।
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भारतीय MSMEs को यूके में नए व्यापार के अवसर मिलेंगे।
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स्किल्ड वर्कर्स और IT पेशेवरों को ब्रिटेन में काम करने के बेहतर मौके मिलेंगे।
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भारतीय प्रवासी कामगारों के लिए सामाजिक सुरक्षा कर से छूट की व्यवस्था की गई है जिससे वेतन का लगभग 20% बच सकेगा।
ब्रिटेन को क्या मिलेगा?
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स्कॉच व्हिस्की, ऑटोमोबाइल्स, मेडिकल डिवाइसेज और अन्य ब्रिटिश उत्पादों पर भारत में शुल्क में बड़ी कटौती होगी।
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ब्रिटेन को भारत के तेजी से बढ़ते बाजार तक पहुंच मिलेगी।
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यह समझौता ब्रिटेन के लिए ब्रेक्जिट के बाद वैश्विक व्यापार नीति का अहम हिस्सा बनेगा।
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ब्रिटिश कंपनियों को भारत में निवेश और तकनीकी साझेदारी के नए अवसर मिलेंगे।
समझौते के प्रमुख बिंदु
बिंदु | विवरण |
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समझौते की अवधि | 3 साल की बातचीत के बाद अंतिम रूप |
भारतीय उत्पादों पर शुल्क | 99% वस्तुओं पर शून्य शुल्क |
स्कॉच व्हिस्की पर शुल्क | 150% से घटाकर 75%, 10 वर्षों में 40% |
ब्रिटिश कारों पर ड्यूटी | 100% से घटकर 10% (सीमित कोटा के तहत) |
सामाजिक सुरक्षा समझौता | भारतीयों को 3 साल तक टैक्स में छूट |
संभावित व्यापार | $34 बिलियन तक व्यापार में वृद्धि की संभावना |
पीएम मोदी की लंदन यात्रा का एजेंडा
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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री Keir Starmer से मुलाकात
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FTA पर औपचारिक हस्ताक्षर
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भारत में हो रहे विदेशी निवेश को बढ़ावा देने की रणनीति पर चर्चा
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King Charles III से औपचारिक मुलाकात
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भारतीय समुदाय से संवाद
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आतंकवाद, खालिस्तान समर्थक गतिविधियों और भगोड़े अपराधियों के मुद्दे भी प्रमुख एजेंडे में शामिल
यह समझौता क्यों महत्वपूर्ण है?
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यह भारत की “मेक इन इंडिया” और “लोकल टू ग्लोबल” नीति को बढ़ावा देगा।
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छोटे व्यवसायों और किसानों के उत्पादों को विदेशी बाजारों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
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भारत की छवि एक मजबूत वैश्विक साझेदार के रूप में और मजबूत होगी।
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ब्रिटेन के साथ बढ़ते रिश्ते यूरोप में भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूती देंगे।
निष्कर्ष
भारत और ब्रिटेन के बीच यह ऐतिहासिक व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। इससे न केवल व्यापार बढ़ेगा, बल्कि रोजगार, निवेश और तकनीकी सहयोग के नए रास्ते भी खुलेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा भारतीय विदेश नीति और आर्थिक रणनीति का एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
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