Adelaide, South Australia में 19 जुलाई 2025 के शाम 9:22 बजे, एक भारतीय छात्र पर पाँच हमलावरों ने जबरदस्त और घातक हमला किया। यह हमला सिर्फ हिंसा नहीं, बल्कि नस्लीय नफरत पर आधारित एक कृत्य था। घटना की वजह और उसका प्रभाव क्या रहा, आइए विस्तार से जानते हैं।
🕒 घटना की शुरुआत: लाजवाब हिंसा की रात
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23‑वर्षीय भारतीय छात्र Charanpreet Singh, अपनी पत्नी के साथ Adelaide के लोकप्रिय Kintore Avenue पर एक लाइट डिस्प्ले देखने गए थे।
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उनके सामने से गुजर रही एक कार में बैठे पाँच लोगों ने अचानक उनसे संपर्क किया और парковिंग को लेकर विवाद शुरू किया।
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विवाद अकारण ही तेज़ हो गया; आरोपियों ने कहा: “F‑‑‑ off, Indian”, और तुरंत हमला शुरू कर दिया।
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Singh को कार की खिड़की से बाहर खींचा गया, ज़मीन पर पटक दिया गया और वे सभी हमलावर हथियारों और हाथों से उस पर टूट पड़े।
🧤 कैसे हुआ हमला: हथियार और हिंसा का मिश्रण
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गवाहों और वायरल वीडियो फुटेज के अनुसार:
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हमला धातु के नक्कल या तेज हथियार जैसे उपकरणों का इस्तेमाल करके किया गया।
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सिंह को मुक्कों से पीटा गया, पांव से मारा गया, और नंगे हाथों से भी वह बुरी तरह मारे गए।
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उनका चेहरा, सिर, पेट और शरीर कई स्थानों पर चोटिल हो गया।
🏥 परिणाम: अस्पताल में भर्ती और गंभीर चोटें
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सिंह बेहोश पड़े मिले। Emergency Services ने उन्हें तुरंत Royal Adelaide Hospital में भर्ती किया।
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चिकित्सकों ने पुष्टि की कि सिंह को चेहरे की कई हड्डियाँ टूट गई, दिमाग में चोट, और ब्रेन ट्रॉमा हुआ है।
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उन्हें रातभर की निगरानी में रखा गया और संभवतः लंबी रिकवरी प्रक्रिया शुरू हो गई।
🚓 पुलिस की कार्रवाई और जांच
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South Australia Police घटना स्थल पर लगभग 9:30 बजे पहुँची और Singh को घायलावस्था में पाया।
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अब तक एक 20‑वर्षीय युवक (Enfield निवासी) को “assault causing harm” के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
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पुलिस सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा कर रही है और अन्य चार संदिग्धों की भी पहचान के लिए सार्वजनिक सहयोग मांग रही है।
🗣️ Singh का दर्दनाक बयां
बहरहाल, Singh ने अस्पताल से बताया:
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"उन्होंने कहा ‘F‑‑‑ off, Indian,’ और फिर लगातार मुक्कों की बौछार कर दी।"
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"मैंने प्रतिरोध करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे बेहोश होने तक पीटा।"
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"आप कुछ भी बदल सकते हैं, लेकिन अपनी त्वचा का रंग नहीं बदल सकते।"
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इस घटना ने उन्हें इतना सदमा दिया कि वे वापस भारत जाने की भावना तक महसूस करने लगे।
👥 समुदाय और सरकारी प्रतिक्रिया
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Adelaide की भारतीय छात्र और प्रवासी समुदाय में गहरा आक्रोश फैल गया है।
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South Australia के प्रधानमंत्री Peter Malinauskas ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा:
“यह व्यवहार हमारे राज्य में स्वागत योग्य नहीं है, और यह हमारी समुदाय की विचारधारा से बिल्कुल मेल नहीं खाता।”
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स्थानीय और भारतीय समुदायों ने मिलकर कोशिशें तेज की हैं कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
🌐 वैश्विक संदर्भ: चिंता की लहर
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घटना उसी दिन Dublin, Ireland में एक अन्य भारतीय व्यक्ति पर हुए नस्लवादी हमले के साथ मेल खाती है।
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इनपुट से संकेत मिलता है कि यह एक पैटर्न बनता जा रहा है—अन्य देशों में भारतीयों पर नस्लीय हमलों की घटनाएँ बढ़ रही हैं, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय छात्र समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
📊 घटना का सारांश
विषय | विवरण |
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पीड़ित | Charanpreet Singh (23 वर्ष, भारतीय छात्र) |
घटना समय / स्थान | 19 जुलाई 2025, लगभग 9:22pm, Kintore Avenue, Adelaide |
हमलावर | पाँच व्यक्ति, नफरत से प्रेरित |
शारीरिक आक्रामकता | मुक्केबाज़ी, लात-घूंसे, हथियारों का इस्तेमाल |
चोटें | चेहरे की फ्रैक्चर, ब्रेन ट्रॉमा, सिर और पेट की गंभीर चोटें |
पुलिस कार्रवाई | एक संदिग्ध गिरफ्तार, सीसीटीवी समीक्षा चल रही |
प्रतिक्रिया | भारत और ऑस्ट्रेलिया में विरोध, सुरक्षा मांगें तेज़ |
🔚 निष्कर्ष
यह हमला सिर्फ एक कार पार्किंग विवाद नहीं था—यह नस्लवाद और हिंसा का प्रतीक बन गया।
Charanpreet Singh जैसे छात्र सुरक्षित वातावरण की उम्मीद लेकर विदेश जाते हैं; लेकिन यह घटना बताती है कि वहाँ भी खतरे मौजूद हैं।
अब यह देखना बाकी है कि न्याय व्यवस्था कितना कठोर कदम उठाती है, और क्या साहित्यिक, राजनीतिक और सामाजिक दबाव विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय छात्र समुदाय के लिए सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित कर पाता है?
आपको क्या लगता है—इस घटना से संबंधित कानून और समाज किस तरह का जवाब दे सकते हैं? आपका दृष्टिकोण नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर साझा करें। ऐसे ही घटनाओं की रिपोर्ट्स के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करें।
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