जी हाँ, बिहार के मसौढ़ी ब्लॉक (पटना जिला) में यह विचित्र लेकिन सच घटना सामने आई है जहाँ एक पालतू कुत्ते के नाम पर 'निवास प्रमाण पत्र' (Residential Certificate) जारी कर दिया गया। अब यह मामला सोशल मीडिया और राजनीति — दोनों का हॉट टॉपिक बन गया है।
📜 क्या है पूरा मामला?
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पटना जिले के मसौढ़ी अनुमंडल कार्यालय में रामबाबू यादव नामक व्यक्ति ने अपने पालतू कुत्ते "टोनी" के नाम से निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन दिया।
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आश्चर्य की बात यह है कि बिना किसी दस्तावेज सत्यापन के, कार्यालय द्वारा टोनी के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।
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जब यह प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो प्रशासन की नींद टूटी।
📸 वायरल प्रमाण पत्र में क्या लिखा था?
नाम: टोनी यादव
पिता का नाम: रामबाबू यादव
पता: वार्ड नंबर 6, मसौढ़ी
प्रमाण पत्र जारी तिथि: 25 जुलाई 2025
🤯 यह सब कुछ बिल्कुल वैध सरकारी फ़ॉर्मेट में छपा था, जिसमें कुत्ते की फोटो तक लगाई गई थी!
🏛️ प्रशासन का जवाब
“यह एक मानवीय त्रुटि है, संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
— पटना डीएम कार्यालय
हालांकि, यह घटना केवल एक मज़ाक नहीं — बल्कि बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था की लापरवाही को उजागर करती है।
🗳️ राजनीति में बवाल
पक्ष | प्रतिक्रिया |
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RJD | “अगर कुत्ते को प्रमाण पत्र मिल सकता है, तो आम आदमी क्यों नहीं?” |
BJP | “यह नीतीश सरकार की डिजिटल गवर्नेंस पर सवाल है।” |
कांग्रेस | “यह घटना साबित करती है कि सिस्टम में भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि अराजकता है।” |
📲 सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़
💬 "अब मेरा भी कुत्ता नौकरी के लिए अप्लाई करेगा!"
😂 "मुझे भी टोनी जैसा पहचान पत्र चाहिए — बिना लाइन में लगे!"
📷 Twitter पर #TonyYadav ट्रेंड करने लगा है।
📌 यह मामला क्यों अहम है?
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🧾 ई-गवर्नेंस की पारदर्शिता पर सवाल
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🔍 डिजिटल इंडिया मिशन की कार्यप्रणाली की जांच की ज़रूरत
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🧠 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन सिस्टम में मानवीय नियंत्रण की अनिवार्यता
🧠 क्या यह पहली बार है?
❌ नहीं!
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साल 2023 में महाराष्ट्र में एक बकरी के नाम पर राशन कार्ड जारी हुआ था।
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2022 में उत्तर प्रदेश में एक कबूतर को FIR में अभियुक्त बनाया गया था।
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