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"शिबू सोरेन: झारखंड आंदोलन के पितामह और आदिवासी राजनीति के प्रतीक"

  Sibu Soren (अक्सर Shibu Soren के नाम से लिखे जाते हैं) अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन 4 अगस्त 2025 की सुबह 8:56 बजे , नई दिल्ली के सर ग...

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Monday, August 4, 2025

"शिबू सोरेन: झारखंड आंदोलन के पितामह और आदिवासी राजनीति के प्रतीक"

 

Sibu Soren (अक्सर Shibu Soren के नाम से लिखे जाते हैं) अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन 4 अगस्त 2025 की सुबह 8:56 बजे, नई दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में हुआ, यह जानकारी उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा दी गई थी  




एक संघर्षशील जननेता की कहानी

भारत के राजनीतिक परिदृश्य में कुछ ऐसे नाम हैं जिन्होंने न केवल नेतृत्व किया, बल्कि एक पूरे राज्य की पहचान और अस्तित्व को आकार देने में अहम भूमिका निभाई। शिबू सोरेन उन्हीं नेताओं में से एक हैं। उन्हें "गुरुजी" के नाम से भी जाना जाता है, और वे झारखंड की राजनीति के एक मजबूत स्तंभ माने जाते हैं।

आदिवासी अधिकारों की रक्षा, झारखंड राज्य की मांग, और समाज के सबसे वंचित तबके के लिए आवाज़ उठाने वाले शिबू सोरेन ने एक लंबा राजनीतिक सफर तय किया है, जिसमें संघर्ष भी है, सत्ता भी है और विवाद भी।


🔵 1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

  • जन्म: 11 जनवरी 1944

  • जन्म स्थान: नेमरा गांव, रामगढ़ ज़िला (अब हजारीबाग), झारखंड (तब बिहार का हिस्सा)

  • पिता: सोबरन सोरेन

  • जातीय पृष्ठभूमि: आदिवासी समुदाय (संथाल जनजाति)

बचपन से ही शिबू सोरेन ने अपने समुदाय की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं को देखा और अनुभव किया। पिता की हत्या ज़मींदारों द्वारा की गई थी, जिसने उनके जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें अन्याय के खिलाफ लड़ाई के लिए प्रेरित किया।


🔴 2. राजनीतिक यात्रा की शुरुआत

  • 1970 के दशक में उन्होंने आदिवासियों की ज़मीन बचाने के लिए अभियान शुरू किया।

  • 1972 में "संज्ञा आंदोलन" की शुरुआत की — इसका उद्देश्य आदिवासियों की ज़मीनों पर कब्ज़ा करने वाले बाहरी लोगों के खिलाफ आवाज़ उठाना था।

  • 1980 में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की स्थापना की।

उनकी राजनीति की जड़ें समाज और भूमि आंदोलन से जुड़ी रहीं। यही कारण था कि उन्होंने भूमि सुधार और स्थानीय अधिकारों को हमेशा प्राथमिकता दी।


🟢 3. झारखंड आंदोलन में भूमिका

  • झारखंड को बिहार से अलग राज्य बनाने की मांग सबसे पहले 1950 के दशक में उठी थी, लेकिन इसे व्यापक जनसमर्थन और राजनीतिक ताकत शिबू सोरेन जैसे नेताओं ने ही दी।

  • 1980 और 1990 के दशक में JMM ने आंदोलन को उग्र रूप दिया और इसे जन-जन तक पहुंचाया।

  • अंततः 15 नवंबर 2000 को झारखंड भारत का 28वां राज्य बना, जिसमें शिबू सोरेन की भूमिका केंद्रीय रही।


🟣 4. सांसद और केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यकाल

  • लोकसभा सदस्य: वे 8 बार लोकसभा सांसद रह चुके हैं (दुमका से)।

  • 2004 में केंद्रीय कोयला मंत्री बने (मनमोहन सिंह सरकार)।

  • 2009 में झारखंड के मुख्यमंत्री भी बने, लेकिन कार्यकाल छोटा रहा।

  • इसके अलावा वे कई बार राज्य की राजनीति में 'किंगमेकर' भी रहे।


5. विवाद और कानूनी मामले

  • 1994 में 'शशिभूषण प्रधान' अपहरण और हत्या मामले में नाम आया, जिसमें उन्हें 2006 में दोषी ठहराया गया लेकिन बाद में उच्च न्यायालय ने बरी कर दिया।

  • कोयला घोटाले में भी नाम जुड़ा, लेकिन कानूनी रूप से साक्ष्य के अभाव में सजा नहीं हुई।

इन विवादों ने उनके राजनीतिक जीवन पर असर जरूर डाला, लेकिन उनके जनाधार में बड़ी गिरावट नहीं आई।


🟠 6. पारिवारिक और राजनीतिक विरासत

  • उनके बेटे हेमंत सोरेन झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हैं और JMM के सक्रिय नेता हैं।

  • शिबू सोरेन अभी भी पार्टी के संरक्षक के रूप में सक्रिय हैं और आदिवासी अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते रहते हैं।


🟤 7. विचार और कार्यशैली

  • हमेशा "जल, जंगल, ज़मीन" को मूल मुद्दा मानते रहे हैं।

  • राजनीतिक रुख स्पष्ट और स्थानीय हितों के पक्ष में रहा है।

  • वे आम जनता के साथ जुड़ाव बनाए रखने वाले नेता रहे हैं, और इसी कारण उन्हें "गुरुजी" कहा जाता है।


🟣 8. समकालीन राजनीति में उनका स्थान

हालांकि अब सक्रिय राजनीति से वे धीरे-धीरे दूर हो रहे हैं, फिर भी झारखंड में शिबू सोरेन का नाम आज भी सम्मान और ताकत का प्रतीक है। उनका जीवन एक प्रेरणा है कि कैसे एक आम आदिवासी युवक देश के सर्वोच्च सत्ता केंद्र तक पहुँच सकता है।


📌 निष्कर्ष: संघर्ष से सत्ता तक

शिबू सोरेन की कहानी सिर्फ एक राजनीतिक यात्रा नहीं है, बल्कि वह आदिवासी संघर्ष, सामाजिक परिवर्तन और क्षेत्रीय पहचान की यात्रा है। आज जब झारखंड अपनी पहचान को मजबूत कर रहा है, तो गुरुजी का योगदान हर झारखंडवासी के दिल में है।

Sunday, August 3, 2025

🚨 Pune Railway Station: चलती ट्रेन में चढ़ते वक्त गिरा यात्री, RPF जवान की बहादुरी से बची जान

 

Credit-(X,@prasads_jagtap)



         पुणे: एक चौंकाने वाला मगर साहसिक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें पुणे रेलवे स्टेशन पर एक यात्री चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश में गिर जाता है, लेकिन तभी एक RPF जवान की सतर्कता और फुर्ती से उसकी जान बच जाती है।

📍 क्या है पूरा मामला?

मामला पुणे रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 का बताया जा रहा है, जहां एक यात्री चलती ट्रेन के डिब्बे में चढ़ने की कोशिश करता है। संतुलन बिगड़ते ही वह प्लेटफॉर्म और ट्रेन के बीच गिरने ही वाला था, लेकिन मौके पर मौजूद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) जवान ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उसे सुरक्षित खींच लिया।

वीडियो में देखा जा सकता है कि यदि RPF जवान की प्रतिक्रिया एक सेकंड भी देर से होती, तो यह हादसा बड़ी दुर्घटना में तब्दील हो सकता था।


👮‍♂️ RPF जवान की फुर्ती पर हर तरफ से तारीफ


रेलवे प्रशासन और सोशल मीडिया पर आम लोग इस बहादुर जवान की प्रशंसा कर रहे हैं। यह वीडियो इस बात का सबूत है कि RPF के जवान न सिर्फ ट्रेनों की सुरक्षा के लिए बल्कि यात्रियों की जान की रक्षा के लिए हर पल तैयार रहते हैं।                          


https://twitter.com/prasads_jagtap/status/1951901215337632218

सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता: दोस्ती की सबसे पवित्र मिसाल | Friendship Day Special 2025

 


जब भी हम सच्चे दोस्त की परिभाषा ढूंढते हैं, तो सबसे पहले एक नाम हमारे मन में आता है — सुदामा और श्रीकृष्ण। यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि मित्रता की सबसे पवित्र, निश्छल और निस्वार्थ मिसाल है। इस दोस्ती में न तो कोई स्वार्थ था, न ही सामाजिक दर्जे की दीवारें। आज जब हम Friendship Day 2025 मना रहे हैं, तो हमें इस मित्रता की कहानी से प्रेरणा लेनी चाहिए जो सैकड़ों साल बाद भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है।

भगवान श्रीकृष्ण, द्वारका के सम्राट, और सुदामा, एक निर्धन ब्राह्मण—दोनों ने गुरुकुल के दिनों में साथ पढ़ाई की थी। लेकिन वर्षों बाद जब दोनों के जीवन की दिशा अलग-अलग हुई, तब भी उनका स्नेह वैसा ही बना रहा। यह कहानी सिर्फ एक गरीब और राजा के बीच दोस्ती की नहीं, बल्कि यह दर्शाती है कि सच्चे दोस्त वक्त, परिस्थिति या स्थिति के मोहताज नहीं होते

इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता आज भी Friendship Day पर आदर्श बनकर खड़ी है, और कैसे आप भी इस कहानी से सीख लेकर अपने दोस्तों के साथ रिश्तों को मजबूत बना सकते हैं।


🙏🏻 सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता की कहानी

📚 प्रारंभिक जीवन – गुरुकुल की दोस्ती

सुदामा और श्रीकृष्ण की मित्रता की शुरुआत गुरुकुल से हुई थी। दोनों ने एक ही गुरु से शिक्षा प्राप्त की।
वे साथ खाना खाते, खेलते और पढ़ाई करते थे। एक घटना के अनुसार जब एक बार बारिश में श्रीकृष्ण को ठंड लग रही थी, तब सुदामा ने अपने कपड़े उतारकर उन्हें ओढ़ा दिए।

🏡 सुदामा की गरीबी और संघर्ष

समय के साथ श्रीकृष्ण द्वारका के राजा बन गए और सुदामा एक गरीब ब्राह्मण के रूप में जीवन व्यतीत करने लगे। जब सुदामा के घर में खाने तक की समस्या होने लगी, तब उनकी पत्नी ने उन्हें श्रीकृष्ण से सहायता मांगने को कहा।

🚶‍♂️ श्रीकृष्ण से मिलने का निर्णय

सुदामा अपने मित्र से मिलने द्वारका पहुंचे, लेकिन वह सहायता के लिए नहीं, बल्कि सिर्फ पुरानी दोस्ती को निभाने और एक बार मिलने की इच्छा से गए थे।

👑 श्रीकृष्ण का आतिथ्य – दोस्ती की ऊँचाई

जब श्रीकृष्ण ने सुदामा को देखा, तो वे दौड़ते हुए उनके पास गए, उनके पैर धोए, उन्हें महलों में बैठाया और राजा के दर्जे से कहीं ऊपर उन्हें सम्मान दिया।

🍚 चिउड़ा की भेंट और श्रीकृष्ण का प्रेम

सुदामा ने श्रीकृष्ण के लिए जो चिउड़ा (पोहा) लाया था, उसे श्रीकृष्ण ने बड़े प्रेम से खाया। उन्होंने सुदामा की भावनाओं को समझा और बदले में बिना कुछ कहे उनके घर में भरपूर समृद्धि दे दी।


🕉️ यह कहानी आज के युग में क्यों है प्रासंगिक?

  • दोस्ती में कभी समृद्धि या गरीबी का फर्क नहीं होना चाहिए।

  • सच्चा दोस्त वही होता है जो बिना कहे आपकी जरूरतों को समझे।

  • मित्रता में स्वार्थ नहीं, भावना होनी चाहिए।

  • समय बदल सकता है, रिश्ते नहीं


💡 Friendship Day 2025: हम क्या सीख सकते हैं?

सीखविवरण
सच्ची मित्रता स्वार्थरहित होती हैसुदामा ने कुछ भी नहीं मांगा, फिर भी उन्हें सब कुछ मिला
प्रेम और सम्मानश्रीकृष्ण ने राजा होते हुए भी सुदामा को झुककर अपनाया
यादें और भावनाएंवर्षों बाद भी गुरुकुल की यादें उन्हें जोड़ती रहीं





                               



Friday, August 1, 2025

सूर्य ग्रहण 2025 की तिथि और समय ,2 अगस्त को नहीं लगेगा सूर्यग्रहण!

 


        Solar Eclipse August 2 2025: कब लगेगा पूर्ण सूर्य ग्रहण (Image Credit- Freepik)


सूर्य ग्रहण 2025 विज्ञान, ज्योतिष और आस्था तीनों के दृष्टिकोण से एक अत्यंत महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। प्राचीन काल से ही भारत में सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) को विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से देखा जाता रहा है। यह न केवल खगोलीय घटना है, बल्कि इससे जुड़ी मान्यताएं, उपाय, और सतर्कताएं लोगों के जीवन का अहम हिस्सा रही हैं। 2025 में पड़ने वाला सूर्य ग्रहण अनेक दृष्टियों से विशेष माना जा रहा है – चाहे वह इसकी दृश्यता हो, धार्मिक महत्व हो या फिर वैज्ञानिक विवेचना।

2025 में कुल दो सूर्य ग्रहण होंगे – एक पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse) और एक आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse)। इनमें से एक भारत में आंशिक रूप से दिखाई देगा, जो कि आम जनता और खगोलशास्त्रियों दोनों के लिए देखने योग्य होगा।

भारत में जब भी सूर्य ग्रहण पड़ता है, तो उसकी सूतक अवधि (Sutak Kaal), धार्मिक स्नान, मंत्र जाप, और दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करना वर्जित होता है, गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानियाँ रखनी होती हैं, और मंदिरों के द्वार बंद कर दिए जाते हैं।

इस लेख में हम जानेंगे:

  • 2025 में सूर्य ग्रहण कब-कब है?

  • कहाँ-कहाँ दिखाई देगा?

  • सूतक काल की गणना क्या होगी?

  • इसका धार्मिक व वैज्ञानिक महत्व क्या है?

  • किन बातों का विशेष ध्यान रखें?

  • और किसे ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?

इस लेख का उद्देश्य है कि आपको 2025 के सूर्य ग्रहण की सम्पूर्ण जानकारी (Surya Grahan 2025 Full Information in Hindi) सरल और सटीक रूप में मिले। SEO के लिए उपयुक्त keywords जैसे "Surya Grahan kab hai 2025", "Surya Grahan Sutak Kaal 2025", "Solar Eclipse 2025 India Time and Date", आदि को इस पोस्ट में समाहित किया गया है ताकि यह लेख गूगल सर्च में आसानी से रैंक हो सके।


🗓️ सूर्य ग्रहण 2025 की तिथि और समय (Surya Grahan 2025 Dates and Timings)

1. पहला सूर्य ग्रहण

  • 📅 तिथि: 29 मार्च 2025

  • समय: सुबह 10:30 बजे से दोपहर 3:00 बजे तक (UTC समय अनुसार)

  • 🌍 प्रकार: पूर्ण सूर्य ग्रहण (Total Solar Eclipse)

  • 🇮🇳 भारत में दृश्यता: नहीं दिखाई देगा

  • 🧘 सूतक काल: भारत में मान्य नहीं होगा क्योंकि ग्रहण दृश्य नहीं है।

2. दूसरा सूर्य ग्रहण

  • 📅 तिथि: 21 सितंबर 2025

  • समय: सुबह 8:45 बजे से 11:20 बजे तक (UTC अनुसार)

  • 🌍 प्रकार: आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse)

  • 🇮🇳 भारत में दृश्यता: कुछ उत्तरी और पूर्वी राज्यों में आंशिक रूप से दृश्य

  • 🧘 सूतक काल: ग्रहण आरंभ होने से 12 घंटे पहले से मान्य होगा।


🛕 सूतक काल की जानकारी (Sutak Kaal Rules)

  • सूतक काल ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले आरंभ हो जाता है (केवल दृश्य ग्रहण में)।

  • इस दौरान भोजन, स्नान, पूजन, गर्भवती महिलाओं के लिए घर से बाहर जाना वर्जित होता है।

  • बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों को कुछ छूट होती है।


🧠 सूर्य ग्रहण का वैज्ञानिक महत्व (Scientific View)

  • सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य की रोशनी को पृथ्वी तक पहुँचने से रोकता है।

  • वैज्ञानिकों के लिए यह एक अवसर होता है सूर्य के बाहरी भाग "Corona" का अध्ययन करने का।

  • ग्रहण के दौरान जानवरों और पक्षियों की गतिविधियाँ भी विचित्र हो जाती हैं, जो शोध का विषय होती हैं।


🔯 धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव (Astrological Impact)

  • सूर्य ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। विशेषकर उस दिन कोई नया कार्य आरंभ नहीं किया जाता।

  • कर्क, सिंह, वृश्चिक और मकर राशि वालों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

  • ग्रहण काल में मंत्र जाप, हवन और ध्यान का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।


⚠️ सूर्य ग्रहण में क्या करें और क्या न करें (Do's and Don'ts)

✔️ करें:

  • ग्रहण से पूर्व स्नान करें और पूजा करें।

  • ग्रहण के दौरान मंत्र जाप या ध्यान करें।

  • ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और शुद्ध भोजन ग्रहण करें।

❌ न करें:

  • भोजन या पानी ग्रहण न करें।

  • गर्भवती महिलाएँ ग्रहण को न देखें।

  • कोई नया कार्य या खरीदारी न करें।

Thursday, July 31, 2025

Hindu Calendar August 2025 – त्यौहार और व्रत सूची (तिथि अनुसार)

 


अगस्त 2025 का महीना भारतीय संस्कृति और हिंदू धर्म के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहने वाला है। यह महीना न केवल भक्ति और आस्था से ओतप्रोत है, बल्कि परिवार, सामाजिक एकता और परंपरा के पालन का भी प्रतीक है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस महीने में श्रावण और भाद्रपद दो पवित्र मास आते हैं। इन मासों में रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, और गणेश चतुर्थी जैसे महान पर्व मनाए जाते हैं, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं बल्कि भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से भी भारतवासियों के जीवन में विशेष स्थान रखते हैं।

इस महीने की शुरुआत होगी श्रावण मास की समाप्ति और उसके बाद भाद्रपद मास की शुरुआत से। श्रावण मास में विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना की जाती है, जबकि भाद्रपद मास में श्रीकृष्ण और गणेश जी की पूजा का विशेष महत्व होता है। यह समय व्रत, उपवास, पूजा, कथा और पर्व मनाने का होता है।

रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और रक्षा के संकल्प का पर्व है, जबकि जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की उल्लासपूर्ण रात होती है। वहीं गणेश चतुर्थी पर घर-घर में विघ्नहर्ता भगवान गणेश की स्थापना होती है और 10 दिन तक उनका पूजन, भजन और विसर्जन उत्सव मनाया जाता है।

अगस्त 2025 का यह पंचांग आपको हर त्योहार और व्रत की सटीक तिथि, पारंपरिक मान्यताएं, और पूजन विधि जानने में मदद करेगा। नीचे दी गई लिस्ट में आपको दिन-प्रतिदिन के अनुसार संपूर्ण जानकारी मिलेगी ताकि आप किसी भी शुभ तिथि या पर्व से चूक न जाएं।


📅 तारीख 🪔 पर्व/व्रत/त्योहार
01 अगस्त (शुक्रवार) कामिका एकादशी (श्रावण शुक्ल)
02 अगस्त (शनिवार) प्रदोष व्रत (शुक्ल)
04 अगस्त (सोमवार) पूर्णिमा व्रत / श्रावण पूर्णिमा
04 अगस्त रक्षाबंधन (राखी)
06 अगस्त (बुधवार) कजरी तीज
07 अगस्त संकष्टी चतुर्थी
09 अगस्त कृष्ण पक्ष द्वितीया
11 अगस्त श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (स्मार्त)
12 अगस्त श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (वैष्णव परंपरा)
13 अगस्त बुध प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)
14 अगस्त मासिक शिवरात्रि
15 अगस्त अमावस्या
17 अगस्त हरियाली अमावस्या (कुछ क्षेत्रों में)
18 अगस्त श्रावण सोमवार (अंतिम)
19 अगस्त सिंह संक्रांति
21 अगस्त हरतालिका तीज (भाद्र शुक्ल)
23 अगस्त गणेश चतुर्थी (विनायक चतुर्थी) 🎉
25 अगस्त ऋषि पंचमी
26 अगस्त षष्ठी
27 अगस्त सप्तमी व्रत
28 अगस्त राधा अष्टमी
29 अगस्त दुर्गा अष्टमी व्रत (कुछ स्थानों पर)
30 अगस्त परशुराम द्वादशी
31 अगस्त अनंत चतुर्दशी (गणपति विसर्जन) 🐘🌊

प्रमुख पर्वों का विशेष विवरण:

🌸 रक्षाबंधन – 4 अगस्त 2025 (सोमवार)

बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का संकल्प लेते हैं। यह पर्व प्रेम, विश्वास और पारिवारिक बंधन का प्रतीक है।

🕊️ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी – 11-12 अगस्त 2025

यह पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। रातभर भजन, झांकी, मटकी फोड़ और श्रीकृष्ण की पूजा होती है।

🙏 गणेश चतुर्थी – 23 अगस्त 2025

विघ्नहर्ता गणपति बप्पा का उत्सव 10 दिनों तक चलता है। देशभर में उनकी मूर्ति स्थापित होती है, भजन-पूजन होता है और अनंत चतुर्दशी को विसर्जन।


Wednesday, July 30, 2025

🐶 बिहार में प्रशासनिक कारनामा: कुत्ते को मिल गया "निवास प्रमाण पत्र"!

 

जी हाँ, बिहार के मसौढ़ी ब्लॉक (पटना जिला) में यह विचित्र लेकिन सच घटना सामने आई है जहाँ एक पालतू कुत्ते के नाम पर 'निवास प्रमाण पत्र' (Residential Certificate) जारी कर दिया गया। अब यह मामला सोशल मीडिया और राजनीति — दोनों का हॉट टॉपिक बन गया है।


📜 क्या है पूरा मामला?

  • पटना जिले के मसौढ़ी अनुमंडल कार्यालय में रामबाबू यादव नामक व्यक्ति ने अपने पालतू कुत्ते "टोनी" के नाम से निवास प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन दिया।

  • आश्चर्य की बात यह है कि बिना किसी दस्तावेज सत्यापन के, कार्यालय द्वारा टोनी के नाम से निवास प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया

  • जब यह प्रमाण पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो प्रशासन की नींद टूटी।


📸 वायरल प्रमाण पत्र में क्या लिखा था?

नाम: टोनी यादव
पिता का नाम: रामबाबू यादव
पता: वार्ड नंबर 6, मसौढ़ी
प्रमाण पत्र जारी तिथि: 25 जुलाई 2025

🤯 यह सब कुछ बिल्कुल वैध सरकारी फ़ॉर्मेट में छपा था, जिसमें कुत्ते की फोटो तक लगाई गई थी!


🏛️ प्रशासन का जवाब

“यह एक मानवीय त्रुटि है, संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
— पटना डीएम कार्यालय

हालांकि, यह घटना केवल एक मज़ाक नहीं — बल्कि बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था की लापरवाही को उजागर करती है।


🗳️ राजनीति में बवाल

पक्षप्रतिक्रिया
RJD“अगर कुत्ते को प्रमाण पत्र मिल सकता है, तो आम आदमी क्यों नहीं?”
BJP“यह नीतीश सरकार की डिजिटल गवर्नेंस पर सवाल है।”
कांग्रेस“यह घटना साबित करती है कि सिस्टम में भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि अराजकता है।”

📲 सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़

💬 "अब मेरा भी कुत्ता नौकरी के लिए अप्लाई करेगा!"
😂 "मुझे भी टोनी जैसा पहचान पत्र चाहिए — बिना लाइन में लगे!"
📷 Twitter पर #TonyYadav ट्रेंड करने लगा है।


📌 यह मामला क्यों अहम है?

  • 🧾 ई-गवर्नेंस की पारदर्शिता पर सवाल

  • 🔍 डिजिटल इंडिया मिशन की कार्यप्रणाली की जांच की ज़रूरत

  • 🧠 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑटोमेशन सिस्टम में मानवीय नियंत्रण की अनिवार्यता


🧠 क्या यह पहली बार है?

❌ नहीं!

  • साल 2023 में महाराष्ट्र में एक बकरी के नाम पर राशन कार्ड जारी हुआ था।

  • 2022 में उत्तर प्रदेश में एक कबूतर को FIR में अभियुक्त बनाया गया था।

काजीरंगा ने रचा इतिहास: विश्व की तीसरी सबसे ऊंची बाघ घनत्व दर




प्रकृति की गोद में एक अनमोल उपलब्धि

असम स्थित काजीरंगा टाइगर रिज़र्व (Kaziranga Tiger Reserve) ने बाघ संरक्षण के क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। 2024 की बाघ गणना रिपोर्ट के अनुसार, यहाँ अब हर 100 वर्ग किलोमीटर में 18.65 बाघ पाए जाते हैं, जो काजीरंगा को दुनिया की तीसरी सबसे घनी बाघ जनसंख्या वाला क्षेत्र बनाता है।


📊 बाघों की बढ़ती संख्या: एक नज़र




वर्ष
                                बाघों की संख्या
          2022 104
          2024         148

यह दर्शाता है कि पिछले दो वर्षों में बाघों की संख्या में 42% की वृद्धि हुई है — जो वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बेहद सकारात्मक संकेत है।


🌍 क्या है बाघ घनत्व (Tiger Density)?

Tiger Density का अर्थ है – प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में बाघों की औसत संख्या।
👉 काजीरंगा का स्कोर: 18.65 Tigers / 100 sq.km

यह दर भारत के औसत बाघ घनत्व (6-10/100 किमी) से कहीं अधिक है।


🛡️ यह सफलता क्यों खास है?

  1. अवैध शिकार पर रोक: राज्य सरकार और वन विभाग ने संयुक्त रूप से एंटी-पोचिंग यूनिट्स को सक्रिय किया।

  2. सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी: काजीरंगा में आधुनिक तकनीक का उपयोग हुआ — नाईट विजन कैमरे और ड्रोन गश्ती

  3. स्थानीय लोगों की भागीदारी: ग्रामीणों को जंगल सुरक्षा और पर्यटन से जोड़ा गया, जिससे जागरूकता और रोजगार दोनों बढ़े।

  4. नदी बाढ़ प्रबंधन: ब्रह्मपुत्र की बाढ़ से बचाव के लिए बाढ़ आश्रय बनाए गए जिससे वन्यजीवों की जानें बचीं।


🧭 काजीरंगा की पहचान सिर्फ बाघों तक सीमित नहीं है

काजीरंगा, UNESCO World Heritage Site है और इसे "ग्रेट वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र" कहा जाता है। यहाँ आपको मिलेगा:

  • 🦏 गैंडा (One-Horned Rhinoceros) — दुनिया की सबसे बड़ी आबादी यहीं

  • 🐘 हाथी

  • 🐃 जंगली भैंसे

  • 🐊 दलदली मगरमच्छ (Marsh Crocodiles)


🧠 विशेषज्ञों की राय

"काजीरंगा न केवल भारत बल्कि एशिया के लिए एक आदर्श उदाहरण है कि बाघ संरक्षण कैसे किया जा सकता है।"
डॉ. आर. श्रीनिवास, वाइल्डलाइफ बायोलॉजिस्ट


🎯 आगे की राह: क्या चुनौतियाँ बनी हुई हैं?

  • जलवायु परिवर्तन: बाढ़, सूखा और असंतुलित वर्षा से जंगलों को खतरा।

  • पर्यटन दबाव: अत्यधिक पर्यटन से वन्यजीवों की दिनचर्या प्रभावित हो सकती है।

  • मानव-वन्यजीव संघर्ष: आसपास के गाँवों में बाघों की घुसपैठ की घटनाएँ बढ़ सकती हैं।


भारत की वन्यजीव धरोहर का गौरव

काजीरंगा की यह उपलब्धि केवल असम या भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है। बाघों की बढ़ती संख्या यह बताती है कि यदि इरादा साफ हो और संरक्षण में तकनीक व जनभागीदारी का सही इस्तेमाल हो, तो असंभव भी संभव हो सकता है।

Tuesday, July 29, 2025

देश में 1 जुलाई 2025 से लागू हुए 5 बड़े नियम: आम नागरिकों पर क्या पड़ेगा असर?

 हर महीने की पहली तारीख को सरकार कई नियमों में बदलाव करती है जो आम लोगों के जीवन को सीधे प्रभावित करते हैं। इसी तरह, 1 जुलाई 2025 से देशभर में पांच महत्वपूर्ण नियम लागू हुए हैं, जिनका असर आम आदमी से लेकर व्यापारी, यात्री, डिजिटल यूज़र और गृहिणियों तक—हर वर्ग पर पड़ेगा।

इन नियमों में शामिल हैं – LPG सिलेंडर की नई दरें, एटीएम ट्रांजेक्शन चार्ज में बदलाव, रेलवे बुकिंग का नया नियम, पुरानी गाड़ियों पर बैन और डिजिटल ट्रांजेक्शन पर नया फीचर।

इस ब्लॉग में हम इन पांच नियमों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे—क्या बदला है, क्यों बदला है, किसे फायदा या नुकसान होगा, और आपको क्या करना चाहिए।


🏮 नियम 1: LPG गैस सिलेंडर की नई कीमतें

🔍 बदलाव क्या है?

1 जुलाई से सभी घरेलू और कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों में ₹23 से ₹55 तक की वृद्धि की गई है।
IOCL, HPCL और BPCL जैसी प्रमुख तेल कंपनियों ने यह संशोधन मासिक मूल्यांकन के तहत किया।

🧾 नई कीमतें (दिल्ली उदाहरण):

सिलेंडर का प्रकारपुरानी कीमतनई कीमतअंतर
घरेलू (14.2 किग्रा)₹894₹919₹25
कमर्शियल (19 किग्रा)₹1711₹1766₹55

🎯 कारण:

  • वैश्विक कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी

  • फ्रेट चार्ज में इजाफा

  • डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरावट

🧑‍🍳 किसे प्रभावित करेगा?

  • आम उपभोक्ता

  • रेस्टोरेंट और फूड आउटलेट्स

  • ग्रामीण महिलाएं जो उज्ज्वला योजना की लाभार्थी हैं

✔️ सुझाव:

  • उज्ज्वला योजना के अंतर्गत पात्र महिलाएं सब्सिडी का लाभ लें

  • LPG ऐप से बुकिंग करते समय डिस्काउंट चेक करें

  • अल्टरनेटिव कुकिंग (जैसे सोलर कुकर) का विचार करें


🏧 नियम 2: ATM ट्रांजेक्शन चार्ज में बदलाव

🔍 बदलाव क्या है?

1 जुलाई से भारत के बैंक ग्राहकों को हर महीने निःशुल्क ट्रांजेक्शन की सीमा के बाद ₹23 प्रति अतिरिक्त ट्रांजेक्शन देना होगा। पहले यह ₹21 था।

🏦 नई नीति:

  • 5 मुफ्त ट्रांजेक्शन (अपने बैंक के ATM से)

  • 3 मुफ्त (अन्य बैंक के ATM से, मेट्रो शहरों में)

  • 5 मुफ्त (अन्य बैंक के ATM से, नॉन-मेट्रो में)

  • इसके बाद: ₹23 प्रति ट्रांजेक्शन (नकद या बैलेंस इन्क्वायरी दोनों)

🎯 कारण:

  • ATM मशीन का संचालन खर्च

  • डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना

💳 किसे प्रभावित करेगा?

  • नकद निकालने वाले ग्रामीण और वरिष्ठ नागरिक

  • दुकानदार जो बार-बार नकद निकालते हैं

✔️ सुझाव:

  • UPI, BHIM, Paytm जैसे डिजिटल माध्यम अपनाएं

  • एक साथ ज्यादा नकद निकालने का विकल्प चुनें

  • SMS अलर्ट्स पर नजर रखें कि आपने कितने ट्रांजेक्शन किए


🚉 नियम 3: रेलवे बुकिंग में OTP सिस्टम अनिवार्य

🔍 बदलाव क्या है?

IRCTC ने अब तत्काल टिकट बुक करते समय आधार-लिंक्ड मोबाइल OTP अनिवार्य कर दिया है। यानी, यदि आपका IRCTC अकाउंट आधार से लिंक नहीं है, तो आप तत्काल टिकट नहीं बुक कर पाएंगे।

📄 प्रक्रिया:

  1. लॉगिन करें IRCTC अकाउंट में

  2. आधार नंबर दर्ज करें

  3. OTP आएगा रजिस्टर्ड मोबाइल पर

  4. वेरिफाई करने पर ही बुकिंग संभव

🎯 उद्देश्य:

  • फर्जी बुकिंग को रोकना

  • एजेंट्स द्वारा टिकट ब्लॉकिंग कम करना

  • यात्रियों को प्राथमिकता देना

🧳 किसे प्रभावित करेगा?

  • वे यूज़र जिनका आधार अपडेट नहीं है

  • बिना स्मार्टफोन वाले यात्री

  • साइबर कैफे से टिकट बुक कराने वाले

✔️ सुझाव:

  • IRCTC अकाउंट में आधार लिंक कराएं

  • अपना मोबाइल नंबर UIDAI से वेरिफाई रखें

  • तत्काल टिकट से पहले ई-वॉलेट तैयार रखें


🚗 नियम 4: पुराने वाहनों पर प्रतिबंध

🔍 बदलाव क्या है?

दिल्ली-NCR समेत कई राज्यों में 1 जुलाई से 10 वर्ष पुराने डीज़ल वाहन और 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहन पर चलने की पाबंदी लागू हो गई है। पकड़े जाने पर ₹10,000 तक जुर्माना या वाहन जब्त किया जा सकता है।

📍 राज्य जहां लागू:

  • दिल्ली

  • उत्तर प्रदेश

  • हरियाणा

  • महाराष्ट्र (कुछ शहरों में)

  • पश्चिम बंगाल

🎯 उद्देश्य:

  • प्रदूषण नियंत्रण

  • स्क्रैप पॉलिसी को बढ़ावा देना

  • इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन

🛠️ किसे प्रभावित करेगा?

  • टैक्सी / ऑटो चालक

  • पुरानी बाइक/कार के मालिक

  • गांव से आने-जाने वाले वाहनधारक

✔️ सुझाव:

  • वाहन स्क्रैप कर नई गाड़ी पर रजिस्ट्रेशन छूट लें

  • PUC सर्टिफिकेट हमेशा साथ रखें

  • इलेक्ट्रिक वाहन योजनाओं की जानकारी लें


📱 नियम 5: डिजिटल लेन-देन में 'फ्रॉड वॉर्निंग फीचर'

🔍 बदलाव क्या है?

RBI के निर्देश पर सभी प्रमुख पेमेंट ऐप्स (PhonePe, Google Pay, Paytm) में अब नया फ्रॉड डिटेक्शन अलर्ट सिस्टम लागू हो गया है। यदि संदिग्ध ट्रांजेक्शन होगा, तो आपको पहले एक चेतावनी दिखाई जाएगी।

🛡️ फीचर कैसे काम करेगा?

  • संदिग्ध लिंक पर क्लिक → वार्निंग पॉपअप

  • नया UPI आईडी → स्क्रीन पर “इस ID पर भरोसा नहीं किया गया”

  • संदिग्ध राशि → ऐप आपको ब्लॉक करने का विकल्प देगा

🎯 उद्देश्य:

  • फ्रॉड रोकना

  • वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षा

  • साइबर अपराध में गिरावट

💡 किसे फायदा होगा?

  • नए यूज़र

  • बुजुर्गों को गलत लिंक से बचाने में

  • असावधान दुकानदारों को राहत

✔️ सुझाव:

  • ऐप अपडेट रखें

  • अनजान QR कोड न स्कैन करें

  • एक सेफ लिमिट सेट करें UPI ट्रांजेक्शन के लिए


📊 समापन: आप क्या करें?

नियमत्वरित कार्य
LPG मूल्यसब्सिडी व डिस्काउंट चेक करें
ATM चार्जUPI का इस्तेमाल बढ़ाएं
रेलवे OTPआधार लिंक जरूर करें
वाहन प्रतिबंधस्क्रैप पॉलिसी का लाभ लें
डिजिटल फ्रॉडऐप को अपडेट रखें

📣 निष्कर्ष

इन पांच नियमों का उद्देश्य आम जनता के जीवन को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और डिजिटल रूप से सक्षम बनाना है। हालांकि शुरुआत में कुछ दिक्कतें हो सकती हैं, लेकिन दीर्घकालिक लाभ स्पष्ट हैं—प्रदूषण नियंत्रण, साइबर सुरक्षा, सही टिकटिंग सिस्टम और आर्थिक संतुलन।


📌 क्या आपने इन बदलावों के अनुसार अपने दस्तावेज और सेवाएं अपडेट कर ली हैं?

नीचे कमेंट में बताइए—आपको सबसे बड़ा असर किस नियम ने डाला?

अहमदाबाद की 14,907 इमारतें "खतरनाक" घोषित

 


अहमदाबाद – गुजरात की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले अहमदाबाद शहर में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। अहमदाबाद नगर निगम (AMC) ने पिछले दो वर्षों में शहर की 1,151 इमारतों में स्थित कुल 14,907 फ्लैट्स या यूनिट्स को ‘खतरनाक’ (डेंजरस) घोषित किया है। यह आंकड़ा शहर के बुनियादी ढांचे और बिल्डिंग सेफ्टी को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है, खासकर बारिश और मानसून के मौसम में।


📌 क्या है मामला?

अहमदाबाद नगर निगम ने 2023 और 2024 में इमारतों की स्थिति का निरीक्षण करते हुए पाया कि हजारों रिहायशी और व्यावसायिक इमारतें structurally unsafe हैं। इनमें से कई बिल्डिंग्स में सीलन, दरारें, जर्जर छतें, जंग खाई हुई छड़ें और बिना मरम्मत के वर्षों से बंद फ्लैट्स शामिल हैं।

2025 में कितनी इमारतें ‘खतरनाक’ घोषित हुईं?

वर्षइमारतेंफ्लैट्स / यूनिट्स
20236729,736
20254795,643
कुल1,15114,907

🌧️ मानसून में खतरा और बढ़ा

बारिश के दौरान जब दीवारें गीली हो जाती हैं और छतों से पानी रिसता है, तब जर्जर इमारतों में रहने वाले परिवारों को जीवन का सीधा खतरा बन जाता है।
इस वर्ष भी मानसून की पहली ही बारिश में बोडकदेव, जोधपुर, नवरंगपुरा और दरियापुर जैसे इलाकों में कई दीवारें और बालकनियाँ गिरने की घटनाएं सामने आई हैं।


🏢 किन इलाकों में सबसे ज़्यादा खतरा?

अहमदाबाद में जिन ज़ोन में सबसे अधिक डेंजरस यूनिट्स पाई गईं, वे इस प्रकार हैं:

  • बोडकदेव ज़ोन

  • जोधपुर ज़ोन

  • साबरमती ज़ोन

  • मणिनगर ज़ोन

  • इसनपुर और नारनपुरा

AMC के अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर इमारतें 30 वर्ष से अधिक पुरानी हैं, और इन्हें अब तक संरचनात्मक मरम्मत नहीं दी गई है।


🏗️ क्यों नहीं होती समय पर मरम्मत?

  1. बिल्डिंग सोसायटीज़ में आपसी सहमति की कमी – मरम्मत के फैसले में फ्लैट मालिकों की सहमति ज़रूरी होती है, जो कई बार नहीं बनती।

  2. पुनर्विकास (Redevelopment) में रुचि की कमी – पुराने फ्लैट मालिक नए अपार्टमेंट्स में शिफ्ट नहीं होना चाहते।

  3. AMC द्वारा दिए गए नोटिस का पालन न करना – कई बार चेतावनी नोटिस के बावजूद निवासी बिल्डिंग खाली नहीं करते।


⚠️ AMC की चेतावनी

AMC ने बताया कि जिन इमारतों को "खतरनाक" घोषित किया गया है, उन्हें जल्द से जल्द खाली करने का नोटिस दिया जा चुका है।
साथ ही AMC ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर भवन ढहने जैसी दुर्घटना हुई, तो संपत्ति मालिक और सोसाइटी पदाधिकारी आपराधिक मुकदमे के लिए उत्तरदायी होंगे


🧱 AMC की क्या है योजना?

AMC ने भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

  • डिजिटल बिल्डिंग ऑडिट सिस्टम की शुरुआत

  • हर साल 10% पुरानी इमारतों का स्ट्रक्चरल ऑडिट अनिवार्य

  • Unsafe building list” को AMC वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाएगा

  • पुनर्विकास में बिल्डरों को छूट दी जाएगी, ताकि इमारतों का पुनर्निर्माण हो सके

Monday, July 28, 2025

प्रशांत किशोर: आंकड़ों का जादूगर या राजनीति का नया चाणक्य?

 



प्रशांत किशोर का जन्म 1977 में बिहार के रोहतास ज़िले में हुआ था। उनके पिता श्री श्रीकांत पांडेय एक डॉक्टर थे और सरकारी सेवा में कार्यरत थे।

📚 शिक्षा:

  • प्रारंभिक शिक्षा: बिहार और आंध्र प्रदेश से

  • इंजीनियरिंग की पढ़ाई: हाजीपुर से

  • पब्लिक हेल्थ में विशेषज्ञता: संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से (UN)

उन्होंने स्वास्थ्य नीति पर भी काम किया है और विश्व बैंक व संयुक्त राष्ट्र की परियोजनाओं में अपनी सेवाएं दी हैं।


🌍 पेशेवर जीवन की शुरुआत

प्रशांत किशोर ने अपने करियर की शुरुआत एक पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट के रूप में की। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ काम किया और हेल्थ पॉलिसी, न्यूट्रिशन और डेवलपमेंट पर कार्य किया।

लेकिन उनका असली नाम तब उभरा जब वे चुनावी रणनीति में आए।


🎯 चुनावी रणनीति में प्रवेश – 2011 से शुरुआत

2011–12 में, उन्होंने पहली बार तब ध्यान खींचा जब उन्होंने नरेंद्र मोदी (गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री) के लिए 2012 विधानसभा चुनाव में रणनीति बनाई।

🔹 2014 – नरेंद्र मोदी की ऐतिहासिक जीत

  • प्रशांत किशोर ने Citizens for Accountable Governance (CAG) नामक संस्था बनाई।

  • उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव में BJP और नरेंद्र मोदी की जीत के लिए डिजिटल कैंपेन, बूथ मैनेजमेंट और युवा फोकस जैसे रणनीतिक उपकरणों का इस्तेमाल किया।


🚀 I-PAC की स्थापना

2015 में उन्होंने Indian Political Action Committee (I-PAC) की स्थापना की – जो भारत की पहली राजनीतिक रणनीति बनाने वाली प्रोफेशनल संस्था थी।


🗳️ अन्य प्रमुख राजनीतिक सफलताएँ

वर्षपार्टी/नेताराज्यपरिणाम
2015नीतीश कुमार (JDU)बिहारशानदार जीत (महागठबंधन)
2017कैप्टन अमरिंदर सिंह (Congress)पंजाबपूर्ण बहुमत
2021ममता बनर्जी (TMC)पश्चिम बंगालBJP को हराया
2020अरविंद केजरीवाल (AAP)दिल्लीदोबारा ऐतिहासिक जीत
2021DMK (MK Stalin)तमिलनाडुसत्ता में वापसी

💡 रणनीति का तरीका

प्रशांत किशोर की रणनीति आधारित होती है:

  • डेटा एनालिसिस पर

  • ग्राउंड लेवल सर्वे

  • सोशल मीडिया प्लानिंग

  • युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित एजेंडा


🔄 राजनीति में प्रवेश की कोशिश

  • 2018 में, उन्होंने JDU में शामिल होने का निर्णय लिया लेकिन जल्द ही मतभेद हो गए और उन्होंने पार्टी छोड़ दी।

  • इसके बाद प्रशांत किशोर ने खुद का अभियान शुरू किया: जन सुराज यात्रा


🛤️ जन सुराज अभियान – बिहार के लिए नई पहल

2022 से उन्होंने बिहार में "जन सुराज" (जनता के लिए सुशासन) नाम से एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन की शुरुआत की। उद्देश्य:

  • भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति

  • युवाओं को सशक्त बनाना

  • शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार

उन्होंने कहा कि वे "राजनीति करने नहीं, व्यवस्था बदलने" आए हैं।


🎙️ हालिया गतिविधियाँ (2025 तक)

  • प्रशांत किशोर बिहार के गांव-गांव में पैदल यात्रा कर रहे हैं।

  • 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में जन सुराज को एक विकल्प के तौर पर खड़ा करने की तैयारी है।

  • वे “बिना जाति, धर्म और डर की राजनीति” का वादा कर रहे हैं।


🧾 प्रशांत किशोर के योगदान की खास बातें

  1. भारतीय राजनीति में डेटा आधारित चुनावी रणनीति लाने वाले पहले विशेषज्ञ।

  2. नेताओं के प्रचार में बिजनेस स्टाइल ब्रांडिंग का सफल उपयोग।

  3. जनता के बीच संवाद और ज़मीनी रणनीति की समझ।