भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS (Tata Consultancy Services) ने 2025 में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है। यह संख्या कंपनी के कुल कार्यबल का लगभग 2% है।
इसका मकसद है:
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संगठनात्मक सादगी (streamlining)
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मध्य और वरिष्ठ प्रबंधन में पुनर्गठन
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डिजिटल युग के अनुरूप नई संरचना बनाना
🧑💼 किस स्तर के कर्मचारी प्रभावित?
अधिकतर मिड-लेवल और सीनियर मैनेजमेंट-
10+ साल के अनुभव वाले कर्मचारियों पर असर
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इंजीनियरिंग, सप्लाई चैन, और ऑपरेशंस विभाग ज्यादा प्रभावित
💰 CEO की सैलरी बनी विवाद का कारण
जहाँ एक ओर 12,000 कर्मचारियों की नौकरी जा रही है, वहीं TCS के CEO K. Krithivasan को FY2025 में ₹26.52 करोड़ रुपये का सालाना वेतन मिला है।
यह वेतन कंपनी के औसत कर्मचारी वेतन का 330 गुना है, जो सोशल मीडिया और कर्मचारियों के बीच गहरी नाराजगी का कारण बना है।
📊 क्या कहता है डेटा?
वर्ष | कुल कर्मचारी | छंटनी (लगभग) |
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2023 | 6.2 लाख | 0 |
2025 | 6.3 लाख | 12,000 |
🔎 TCS ने क्यों लिया यह निर्णय?
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ऑपरेशनल एफिशिएंसी बढ़ाना
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AI और ऑटोमेशन को अपनाने के कारण मैनपावर की जरूरत कम
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अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं में गिरावट
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लागत को नियंत्रित करना
🤔 IT सेक्टर पर इसका क्या असर पड़ेगा?
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अन्य कंपनियां भी छंटनी कर सकती हैं
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बेरोजगारी में अस्थायी उछाल
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कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना
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अपस्किलिंग (Upskilling) की ज़रूरत पहले से कहीं ज्यादा
💡 समाधान क्या है?
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कर्मचारियों को नए स्किल्स सिखाने की ज़रूरत
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कंपनियों को ट्रांसपेरेंसी और वर्कफोर्स वेलबीइंग पर ध्यान देना चाहिए
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सरकार को IT सेक्टर के लिए पुनर्वास नीति पर विचार करना चाहिए
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