प्रकृति की गोद में एक अनमोल उपलब्धि
असम स्थित काजीरंगा टाइगर रिज़र्व (Kaziranga Tiger Reserve) ने बाघ संरक्षण के क्षेत्र में नया इतिहास रच दिया है। 2024 की बाघ गणना रिपोर्ट के अनुसार, यहाँ अब हर 100 वर्ग किलोमीटर में 18.65 बाघ पाए जाते हैं, जो काजीरंगा को दुनिया की तीसरी सबसे घनी बाघ जनसंख्या वाला क्षेत्र बनाता है।
📊 बाघों की बढ़ती संख्या: एक नज़र
यह दर्शाता है कि पिछले दो वर्षों में बाघों की संख्या में 42% की वृद्धि हुई है — जो वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बेहद सकारात्मक संकेत है।
🌍 क्या है बाघ घनत्व (Tiger Density)?
Tiger Density का अर्थ है – प्रति 100 वर्ग किलोमीटर में बाघों की औसत संख्या।
👉 काजीरंगा का स्कोर: 18.65 Tigers / 100 sq.km
यह दर भारत के औसत बाघ घनत्व (6-10/100 किमी) से कहीं अधिक है।
🛡️ यह सफलता क्यों खास है?
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✅ अवैध शिकार पर रोक: राज्य सरकार और वन विभाग ने संयुक्त रूप से एंटी-पोचिंग यूनिट्स को सक्रिय किया।
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✅ सीसीटीवी और ड्रोन निगरानी: काजीरंगा में आधुनिक तकनीक का उपयोग हुआ — नाईट विजन कैमरे और ड्रोन गश्ती।
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✅ स्थानीय लोगों की भागीदारी: ग्रामीणों को जंगल सुरक्षा और पर्यटन से जोड़ा गया, जिससे जागरूकता और रोजगार दोनों बढ़े।
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✅ नदी बाढ़ प्रबंधन: ब्रह्मपुत्र की बाढ़ से बचाव के लिए बाढ़ आश्रय बनाए गए जिससे वन्यजीवों की जानें बचीं।
🧭 काजीरंगा की पहचान सिर्फ बाघों तक सीमित नहीं है
काजीरंगा, UNESCO World Heritage Site है और इसे "ग्रेट वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र" कहा जाता है। यहाँ आपको मिलेगा:
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🦏 गैंडा (One-Horned Rhinoceros) — दुनिया की सबसे बड़ी आबादी यहीं
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🐘 हाथी
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🐃 जंगली भैंसे
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🐊 दलदली मगरमच्छ (Marsh Crocodiles)
🧠 विशेषज्ञों की राय
"काजीरंगा न केवल भारत बल्कि एशिया के लिए एक आदर्श उदाहरण है कि बाघ संरक्षण कैसे किया जा सकता है।"
— डॉ. आर. श्रीनिवास, वाइल्डलाइफ बायोलॉजिस्ट
🎯 आगे की राह: क्या चुनौतियाँ बनी हुई हैं?
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❗ जलवायु परिवर्तन: बाढ़, सूखा और असंतुलित वर्षा से जंगलों को खतरा।
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❗ पर्यटन दबाव: अत्यधिक पर्यटन से वन्यजीवों की दिनचर्या प्रभावित हो सकती है।
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❗ मानव-वन्यजीव संघर्ष: आसपास के गाँवों में बाघों की घुसपैठ की घटनाएँ बढ़ सकती हैं।
भारत की वन्यजीव धरोहर का गौरव
काजीरंगा की यह उपलब्धि केवल असम या भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक प्रेरणा है। बाघों की बढ़ती संख्या यह बताती है कि यदि इरादा साफ हो और संरक्षण में तकनीक व जनभागीदारी का सही इस्तेमाल हो, तो असंभव भी संभव हो सकता है।
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