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"शिबू सोरेन: झारखंड आंदोलन के पितामह और आदिवासी राजनीति के प्रतीक"

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Monday, August 4, 2025

RBI की ब्याज दरें बनी रह सकती हैं अपरिवर्तित – जानिए वजह और असर

 

                                          ( image source- wikipedia)

भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय कई वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बीच खड़ी है। एक ओर अमेरिका द्वारा लगाए गए नए आयात शुल्क ने व्यापारिक माहौल में अनिश्चितता पैदा कर दी है, तो दूसरी ओर देश के भीतर महंगाई दर पर लगातार नजर बनाए रखनी पड़ रही है। ऐसे समय में, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति बैठक 6 अगस्त 2025 को होने जा रही है। यह बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इससे तय होगा कि आम जनता, कारोबारी वर्ग और बैंकिंग क्षेत्र पर आगामी महीनों में क्या असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि RBI इस बार अपनी प्रमुख ब्याज़ दर, यानी रेपो रेट, को यथावत 6.50% पर बनाए रख सकता है।


🏦 RBI की ब्याज दरें – वर्तमान स्थिति

वर्तमान में RBI की रेपो रेट 6.50% है, जो फरवरी 2023 से स्थिर बनी हुई है। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट 3.35%, SLR 18%, और CRR 4.50% है। इन दरों को बदलने से बैंकिंग सिस्टम में नकदी प्रवाह और लोन की लागत पर सीधा असर पड़ता है।


🔍 क्यों RBI दरें अपरिवर्तित रख सकता है?

  1. अंतरराष्ट्रीय दबाव: अमेरिका द्वारा भारत से आयात पर 25% शुल्क लगाए जाने के बाद निर्यात और व्यापार संतुलन पर प्रभाव पड़ सकता है। RBI फिलहाल किसी भी उथल-पुथल से बचना चाहेगा।

  2. महंगाई नियंत्रण में: जुलाई 2025 की CPI महंगाई दर 5.1% दर्ज की गई, जो RBI के 6% के टारगेट के भीतर है। इसलिए तत्काल कोई दर वृद्धि की जरूरत नहीं दिखती।

  3. विकास दर की चिंता: भारतीय GDP ग्रोथ रेट की अनुमानित दर 6.4% है, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी कम है। ब्याज दरों को स्थिर रखकर आर्थिक रफ्तार को सहारा दिया जा सकता है।

  4. लोन और क्रेडिट ग्रोथ: वर्तमान रेपो रेट से होम लोन, ऑटो लोन और SME सेक्टर को राहत मिल रही है। दरें स्थिर रहने से इन क्षेत्रों में निवेश बना रहेगा।


💡 इस फैसले का आम लोगों पर असर

  • Home Loan लेने वालों को राहत – EMI में कोई बदलाव नहीं होगा

  • बैंक FD पर स्थिर रिटर्न – ब्याज दरें बनी रहेंगी

  • छोटे व्यापारी और उद्योगों को मदद – सस्ते लोन से उत्पादन और रोजगार में इज़ाफा

  • निवेशकों के लिए संकेत – शेयर बाजार को स्थिरता मिलने की उम्मीद


📣 विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

“RBI फिलहाल ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा ताकि बाजार में स्थिरता बनी रहे।”
– डॉ. अरुणिमा सिंह, वरिष्ठ अर्थशास्त्री

“अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितता को देखते हुए रेपो रेट स्थिर रखना सही फैसला होगा।”
– प्रो. राकेश द्विवेदी, दिल्ली यूनिवर्सिटी


🔚 निष्कर्ष:

भारतीय रिज़र्व बैंक की नीति इस समय 'सावधानी के साथ स्थिरता' की ओर झुकी हुई दिख रही है। रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखना न केवल महंगाई नियंत्रण में मदद करेगा, बल्कि विकास की गति को भी कमजोर नहीं होने देगा। आने वाले महीनों में यदि वैश्विक स्थितियां सुधरती हैं और महंगाई नीचे जाती है, तो दरों में कटौती की संभावना भी बन सकती है।

Sunday, August 3, 2025

💥 जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में तीसरे दिन भी चला आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन | एक आतंकी ढेर | ऑपरेशन अखल

                          Operation continues in Kulgam (Photo Credits: ANI)

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम ज़िले में एक बार फिर आतंक के खिलाफ भारतीय सुरक्षाबलों ने ज़बरदस्त कार्रवाई की है। ऑपरेशन अखल (Operation Akhal) नाम से चल रहा यह अभियान अब तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है। इस दौरान सुरक्षाबलों ने एक आतंकवादी को मार गिराया है, जबकि सर्च ऑपरेशन अब भी जारी है।

यह ऑपरेशन भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के संयुक्त प्रयासों से चलाया जा रहा है और इसका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र को आतंकवाद से मुक्त करना है। सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली थी कि कुछ आतंकवादी फ्रिसल गांव (जिला कुलगाम) में छिपे हुए हैं।


🛡️ कुलगाम ऑपरेशन की प्रमुख बातें:

घटकविवरण
📍 स्थानफ्रिसल गांव, कुलगाम, जम्मू-कश्मीर
🗓️ दिनतीसरा दिन (3 अगस्त 2025)
⚔️ कार्रवाई1 आतंकवादी मारा गया
🔍 स्थितिइलाके में तलाशी अभियान जारी
🧠 रणनीतिड्रोन्स, सैटेलाइट निगरानी, नाइट-विज़न

📹 कुलगाम ऑपरेशन का लाइव अपडेट वीडियो:

📹 कुलगाम ऑपरेशन का लाइव अपडेट वीडियो:

👉 Credit goes to ANI


🔍 ऑपरेशन की पृष्ठभूमि

सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया सूत्रों से सूचना मिली थी कि कुछ आतंकी फ्रिसल गांव में मौजूद हैं। इसके बाद सेना ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। दो दिन से चल रहे अभियान में ड्रोन, स्नाइपर, और बुलेट-प्रूफ वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। तीसरे दिन सेना ने एक आतंकी को ढेर कर दिया। अभी भी कुछ आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।


🗣️ अधिकारियों का बयान

भारतीय सेना के प्रवक्ता ने बताया:

“हम क्षेत्र को पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”


🧠 विश्लेषण: यह ऑपरेशन क्यों अहम है?

  • यह इलाका पहले भी आतंकी गतिविधियों का गढ़ रहा है।

  • हाल के महीनों में जम्मू और कश्मीर में आतंकी हलचल तेज हुई है।

  • केंद्र सरकार की रणनीति है कि कश्मीर को पूरी तरह से आतंकवाद-मुक्त और विकासशील बनाया जाए।


🔚 निष्कर्ष:

ऑपरेशन अखल भारतीय सुरक्षा बलों की तत्परता और सटीक खुफिया प्रणाली का जीता-जागता प्रमाण है। यह सिर्फ एक आतंकी के मारे जाने की खबर नहीं, बल्कि यह संदेश है कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा है।



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🛢️ भारत बोलेगा तो करेगा: रूस से तेल खरीद जारी रहेगी


 हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एक बयान में भारत से आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी गई है। इसका मुख्य कारण भारत द्वारा रूस से सस्ते कच्चे तेल की खरीदारी बताया गया है, जिसे अमेरिका ने "जियोपॉलिटिकल रिस्क" और "रूस की आर्थ‍िक मदद" के रूप में देखा है।

अमेरिका चाहता है कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश रूस के खिलाफ सख्त कदम उठाएं, खासकर जब यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर पश्चिमी देशों ने पहले से ही कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं।



🇮🇳 भारत की स्पष्ट नीति: तेल रहेगा तो सब रहेगा

भारतीय अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि:

“हम ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रूस से तेल खरीदना जारी रखेंगे, क्योंकि ये निर्णय भारत के आंतरिक हित, ऊर्जा सुरक्षा, और आर्थिक स्थायित्व से जुड़ा हुआ है।”

✅ मुख्य कारण:

वजहविवरण
🛢️ ऊर्जा की आवश्यकताभारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आयातक है। घरेलू उत्पादन कम है और मांग लगातार बढ़ रही है।
💸 रूसी तेल की सस्ती कीमतरूस भारत को डिस्काउंटेड रेट पर कच्चा तेल दे रहा है, जिससे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की लागत और महंगाई पर नियंत्रण बना रहता है।
🌐 दीर्घकालिक अनुबंधभारत और रूस के बीच कई वर्षों के लिए तेल आपूर्ति के अनुबंध हैं, जिन्हें अचानक समाप्त करना संभव नहीं।
⚖️ रणनीतिक स्वतंत्रताभारत अपनी विदेश नीति को स्वायत्त रूप से चलाता है, और किसी भी दबाव में आने के बजाय “India First” नीति को प्राथमिकता देता है।

🇺🇸 अमेरिका का दबाव: ट्रंप की चेतावनी

डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त 2025 से भारत से आने वाले वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उनका कहना है कि भारत अगर रूस से तेल खरीदता है, तो यह "America First" नीति के खिलाफ है।

हालांकि, भारत का जवाब स्पष्ट रहा:

“हम किसी भी देश की रणनीतिक मजबूरियों के हिसाब से नहीं चल सकते। हमारी प्राथमिकता भारत की जनता है।”


📊 रूस से भारत का तेल आयात: आंकड़ों में

  • वर्ष 2024-25 में भारत ने रूस से लगभग 38% तेल आयात किया था।

  • भारत अब सऊदी अरब और इराक की तुलना में रूस से अधिक कच्चा तेल खरीद रहा है

  • डिस्काउंटेड रेट से भारत को $8-10 प्रति बैरल की बचत होती है।


🌐 रणनीतिक दृष्टिकोण: भारत का ऊर्जा कूटनीति संतुलन

भारत एक ओर अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ जैसे लोकतांत्रिक देशों का रणनीतिक सहयोगी है, वहीं दूसरी ओर वह रूस के साथ डिफेंस, स्पेस और एनर्जी सेक्टर में दशकों से जुड़ा रहा है।

भारत की नीति का सार:

"जहाँ आवश्यक हो, वहाँ सहयोग और जहाँ संभव हो, वहाँ स्वतंत्रता।"


📣 निष्कर्ष

रूस से तेल खरीद पर भारत का रुख पूरी तरह स्पष्ट है — यह एक अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय हितों से जुड़ा निर्णय है। अमेरिका या किसी अन्य देश के दबाव में आकर भारत अपने ऊर्जा-हित और आर्थिक संतुलन से समझौता नहीं करेगा।

यह मामला अब सिर्फ तेल तक सीमित नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भर विदेश नीति और वैश्विक नेतृत्व क्षमता की परीक्षा बन चुका है।

Saturday, August 2, 2025

प्रज्वल रेवन्ना को उम्रकैद: सत्ता, कांड और न्याय का सबसे बड़ा फैसला

 



भारतीय राजनीति में जब भी युवा चेहरों की बात होती है, तो आमतौर पर उम्मीद की जाती है कि वे ईमानदारी, नई सोच और बेदाग छवि लेकर आएंगे। लेकिन कर्नाटक से पूर्व सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना का नाम आज उन चेहरों में शामिल हो गया है, जिनकी राजनीति की उड़ान अचानक अपराधों के अंधेरे में गुम हो गई।

2024 में एक अश्लील वीडियो स्कैंडल सामने आया, जिसमें प्रज्वल रेवन्ना पर 400 से अधिक महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया। मामला तब और गंभीर हो गया जब एक 48 वर्षीय घरेलू सहायिका ने उनके खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराया। वीडियो और पेन ड्राइव के माध्यम से जनता के सामने खुलासा हुआ कि किस तरह से सत्ता और शक्ति का दुरुपयोग किया गया। यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं बल्कि राजनीतिक नैतिकता, महिलाओं की सुरक्षा और न्याय प्रणाली की परीक्षा बन गया।

पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने तत्परता दिखाई, और बाद में अदालत में पेश की गई 2200 से अधिक पन्नों की चार्जशीट में 150 से ज्यादा गवाहों के बयान दर्ज किए गए। 31 मई 2024 को जर्मनी से भारत लौटते ही उन्हें गिरफ्तार किया गया। इस केस में कई मोड़ आए—राजनीतिक बचाव, कोर्ट ट्रांसफर की याचिका, और अंत में न्याय की जीत।

1 अगस्त 2025 को उन्हें अदालत ने दोषी करार दिया और 2 अगस्त 2025 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। अदालत में सजा सुनते समय प्रज्वल रेवन्ना फूट-फूट कर रो पड़े और कहा – "मेरी एकमात्र गलती राजनीति में जल्दी आगे बढ़ना था।"

यह मामला इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वो कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, कानून के शिकंजे से नहीं बच सकता।


🔍 मामला क्या था?

  • पीड़िता एक 48 वर्षीय घरेलू महिला कर्मचारी थी, जो रेवन्ना के घर में काम करती थी।

  • पीड़िता का आरोप था कि रेवन्ना ने न सिर्फ उसके साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी गोपनीय वीडियो रिकॉर्डिंग कर ब्लैकमेल भी किया।

  • केस में कई वीडियो सबूत, कॉल रिकॉर्ड्स और पीड़िता की डायरी पेश की गई।

  • चार्जशीट के अनुसार, पीड़िता के अलावा कई अन्य महिलाएं भी इसी तरह के यौन शोषण की शिकार बनी थीं।

  • प्रज्वल ने इस दौरान डिप्लोमैटिक पासपोर्ट का दुरुपयोग कर विदेश भागने की कोशिश भी की थी।


⚖️ कोर्ट का फैसला

  • 1 अगस्त 2025 को दोष सिद्ध

  • 2 अगस्त को उम्रकैद की सजा और ₹10 लाख का जुर्माना

  • कोर्ट ने कहा, "यह मामला एक महिला की गरिमा और निजता के खिलाफ सबसे गंभीर अपराधों में से एक है।"


✍️ निष्कर्ष

प्रज्वल रेवन्ना का यह मामला राजनीति में नैतिक पतन, महिला सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की मजबूती—इन सभी मुद्दों को उजागर करता है। देशभर में यह फैसला एक नजीर बन सकता है कि चाहे कोई कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो, अगर वह दोषी है, तो कानून उसे सजा देगा।

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Wednesday, July 30, 2025

ट्रंप का भारत पर 25% टैरिफ और जुर्माना

30 जुलाई 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ कड़ा कदम उठाते हुए 25% का आयात शुल्क (टैरिफ) और एक अतिरिक्त ‘जुर्माना’ लगाने की घोषणा की। यह घोषणा वैश्विक व्यापार और भारत-अमेरिका संबंधों में नई हलचल का संकेत देती है।

इस लेख में हम इस पूरे घटनाक्रम की पृष्ठभूमि, कारण, प्रभाव, संभावनाएं और राजनीतिक रणनीति पर गहराई से चर्चा करेंगे।


📰 ट्रंप की घोषणा: क्या हुआ?

ट्रंप ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा:

"भारत हमारा मित्र देश है, लेकिन वह व्यापार के मामले में अमेरिका के साथ उचित व्यवहार नहीं करता। अब समय आ गया है कि हम अपने अधिकारों की रक्षा करें।"

इसके साथ ही उन्होंने निम्नलिखित कदमों की घोषणा की:

  • 1 अगस्त 2025 से भारत से आयात होने वाले लगभग सभी उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा।

  • रूस से तेल और रक्षा उपकरणों की खरीद पर अतिरिक्त 'penalty' लागू होगी।

  • इस टैरिफ में टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा, कृषि और आभूषण जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल होंगे।


📦 किन उत्पादों पर होगा असर?

ट्रंप के टैरिफ से भारत के कई मुख्य निर्यात क्षेत्र प्रभावित होंगे। नीचे दी गई तालिका में आप प्रमुख उत्पादों की सूची देख सकते हैं:

क्षेत्रसंभावित असर
कपड़ा और वस्त्रलागत में वृद्धि, प्रतिस्पर्धा में कमी
इलेक्ट्रॉनिक्समोबाइल और चिप पार्ट्स महंगे
आभूषणजेम्स और गोल्ड आइटम पर भारी टैक्स
दवाइयाँजेनेरिक दवाओं का अमेरिकी बाजार में नुकसान
कृषिचाय, मसाले, चावल पर निर्भरता घट सकती है

🧠 ट्रंप के इस कदम के पीछे का तर्क

1. "अमेरिका फर्स्ट" रणनीति

ट्रंप हमेशा से घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने और अमेरिका को वैश्विक व्यापार में "फेयर डील" दिलाने की बात करते रहे हैं।

2. रूस–भारत नज़दीकी

भारत द्वारा रूस से लगातार तेल और रक्षा खरीद अमेरिका को अखर रही है। ट्रंप ने इसे जियो-पॉलिटिकल चैलेंज माना है।

3. डिजिटल टैक्स और ट्रेड बैरियर

भारत द्वारा लगाए गए डिजिटल टैक्स, विदेशी कंपनियों को मिलने वाली सब्सिडी, और सरकारी खरीद में भेदभावपूर्ण नीतियाँ ट्रंप प्रशासन को अस्वीकार्य लगती हैं।


💣 ट्रंप बनाम बाइडेन: चुनावी रणनीति?

यह फैसला ऐसे समय में आया है जब अमेरिका में 2025 के राष्ट्रपति चुनाव सिर पर हैं। ट्रंप इस फैसले से यह संदेश देना चाहते हैं कि:

  • वह चीन के बाद भारत जैसे देशों के खिलाफ भी "सख्त नेता" की छवि बनाए रखें।

  • अमेरिकी औद्योगिक राज्यों (Rust Belt) को विश्वास दिलाएं कि वे रोजगार और उत्पादन के रक्षक हैं।


🇮🇳 भारत की प्रतिक्रिया क्या हो सकती है?

1. WTO में शिकायत

भारत इस कदम को WTO के नियमों के उल्लंघन के रूप में देख सकता है।

2. प्रतिशोधी टैरिफ

भारत भी अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ लागू कर सकता है, जैसा कि उसने 2019 में किया था।

3. कूटनीतिक वार्ता

भारत यह भी प्रयास कर सकता है कि कूटनीतिक चैनलों के ज़रिए तनाव को कम किया जाए और व्यापार सामान्य किया जाए।


📊 आर्थिक असर: भारत के लिए कितना भारी?

📉 निर्यात में गिरावट

  • अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार है।

  • टैरिफ के कारण वस्तुएं महंगी होंगी, जिससे प्रतिस्पर्धा में कमी आएगी।

💱 रुपया और शेयर बाजार पर असर

  • विदेशी निवेशकों की चिंता के कारण रुपया गिर सकता है

  • शेयर बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है, खासकर फार्मा और टेक कंपनियों में।

🏭 MSME और किसान पर बोझ

  • टैरिफ से सबसे ज्यादा असर छोटे और मध्यम स्तर के कारोबारियों पर पड़ेगा।

  • कृषि उत्पादों की कीमतें भी प्रभावित हो सकती हैं।


🌐 वैश्विक व्यापार समीकरण में बदलाव?

ट्रंप के इस कदम से न केवल भारत बल्कि वैश्विक व्यापार संबंधों में भी बदलाव देखने को मिल सकता है:

  • चीन, वियतनाम, और बांग्लादेश को अमेरिका में भारत के स्थान पर अधिक निर्यात करने का अवसर मिल सकता है।

  • यूरोपीय संघ और UK के साथ भारत के रिश्तों को मजबूती मिल सकती है।

  • "मेक इन इंडिया" को नई चुनौती का सामना करना पड़ेगा।


🔍 क्या भारत को डरना चाहिए?

नहीं, लेकिन सावधानी और रणनीति दोनों जरूरी हैं। भारत एक उभरती हुई महाशक्ति है और अमेरिका के लिए एक प्रमुख रणनीतिक सहयोगी भी। इसलिए इस विवाद को राजनीति और कूटनीति के ज़रिए सुलझाना ही दोनों देशों के हित में होगा।

RBI को झटका: भारत में खुदरा क्रेडिट ग्रोथ में भारी गिरावट, डिफॉल्ट्स में उछाल

 


भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और देश के प्रमुख निजी बैंकों व एनबीएफसी (Non-Banking Financial Companies) के लिए एक गंभीर चिंता उभर कर सामने आई है। भारत में खुदरा क्रेडिट ग्रोथ (Retail Credit Growth) में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है, खासकर पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में।

जहां एक ओर देश आर्थिक सुधार की ओर बढ़ रहा था, वहीं दूसरी ओर उधारी का स्तर और भुगतान में चूक (defaults) बढ़ने से बैंकों की बैलेंस शीट पर खतरा मंडराने लगा है।


🧾 मुख्य बिंदु

विषयविवरण
📌 सेक्टरखुदरा ऋण (Retail Loans)
📉 समस्याक्रेडिट ग्रोथ में गिरावट और डिफॉल्ट्स में बढ़ोतरी
🏦 प्रभावित संस्थानHDFC Bank, ICICI Bank, Axis Bank, Bajaj Finance
🔍 निगरानी संस्थाभारतीय रिज़र्व बैंक (RBI)

💳 क्रेडिट ग्रोथ गिरावट के पीछे कारण

  1. उपभोक्ताओं की क्षमता में गिरावट: महंगाई और बेरोज़गारी के कारण लोगों की चुकाने की क्षमता प्रभावित हुई है।

  2. लोन रिकवरी में समस्या: छोटे कस्बों और शहरों में लोन रिकवरी की प्रक्रिया कठिन हो गई है।

  3. क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट्स: ज़्यादा ब्याज दर और लगातार खरीदारी से EMI चुकाने में देरी हो रही है।

  4. RBI की सख्त नीति: RBI द्वारा बार-बार रेपो रेट में बदलाव और लोन मानकों की सख्ती।


📊 असर किन बैंकों पर पड़ा है?

  • HDFC Bank: मार्च तिमाही में डिफॉल्ट्स 3.6% तक बढ़े।

  • ICICI Bank: क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि 18% बढ़ी पर रिकवरी धीमी रही।

  • Axis Bank: पर्सनल लोन सेगमेंट में NPA (Non-Performing Assets) 1.5% से बढ़कर 2.2% पर पहुँचा।

  • Bajaj Finance: EMI स्कीम्स में ग्राहकों की देरी रिकॉर्ड स्तर पर।


📢 RBI की प्रतिक्रिया क्या है?

RBI ने हाल ही में बैंकों और NBFCs को चेतावनी दी है कि वे क्रेडिट स्कोरिंग मॉडल को मजबूत करें, जोखिम मूल्यांकन की समीक्षा करें और जरूरत पड़ी तो लोन वितरण की गति को धीमा करें। साथ ही, माइक्रो फाइनेंस और डिजिटल लोन में पारदर्शिता लाने पर भी जोर दिया गया है।


🚨 आगे क्या हो सकता है?

  • ऋण वितरण पर अंकुश: बैंकों को कुछ महीनों तक नए लोन में सतर्कता बरतनी पड़ सकती है।

  • EMI मोरेटोरियम की वापसी? यदि डिफॉल्ट्स लगातार बढ़ते हैं, तो RBI किसी राहत योजना पर विचार कर सकता है।

  • डिजिटल क्रेडिट पर निगरानी: Buy Now Pay Later (BNPL) और इंस्टेंट ऐप लोन पर सख्ती की संभावना।


🧠 विशेषज्ञों की राय

"भारतीय बैंकिंग सेक्टर को अभी बहुत ही सावधानी से आगे बढ़ना होगा। खुदरा ऋण अगर नियंत्रण से बाहर हुआ, तो वित्तीय अस्थिरता पैदा हो सकती है।"
आशीष मेहता, फाइनेंस एनालिस्ट


📌 निष्कर्ष

भारत में खुदरा ऋण वृद्धि में गिरावट और डिफॉल्ट में बढ़ोतरी न केवल बैंकों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी चिंता का विषय है। यह जरूरी है कि बैंक और RBI मिलकर ऐसी नीतियाँ बनाएं जो न सिर्फ क्रेडिट ग्रोथ को संतुलित रखें, बल्कि उपभोक्ताओं को राहत भी प्रदान करें।

Tuesday, July 29, 2025

india Circular Economy Forum (ICEF) 2025 – हरियाणा द्वारा आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन

 




जलवायु परिवर्तन, बढ़ते औद्योगिक कचरे और संसाधनों की कमी ने पूरी दुनिया को सर्कुलर अर्थव्यवस्था (Circular Economy) जैसे विकल्पों की ओर सोचने पर मजबूर किया है। भारत, जो जलवायु नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है, ने इस दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाया है।

30 और 31 जुलाई 2025 को गुड़गांव में 'India Circular Economy Forum 2025' (ICEF‑2025) का आयोजन हो रहा है। इस दो-दिवसीय आयोजन का उद्देश्य है — “व्यवसायों के लिए जोखिम कम करना और अवसर तलाशना”।


🧭 क्या है सर्कुलर इकॉनमी?

सर्कुलर इकॉनमी एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें उत्पादों, सामग्रियों और संसाधनों का अधिकतम उपयोग, पुनः उपयोग और पुनर्चक्रण किया जाता है। यह पारंपरिक Take → Make → Waste मॉडल की जगह Reuse → Recycle → Repurpose मॉडल को बढ़ावा देता है।


🎯 सम्मेलन का उद्देश्य

ICEF‑2025 का मुख्य उद्देश्य है:

  • भारत में सर्कुलर व्यापार मॉडल का विकास

  • ESG (Environmental, Social, Governance) आधारित निर्णयों को बढ़ावा

  • नीति-निर्माताओं और उद्योगों को एक मंच देना

  • MSMEs को सतत भविष्य के लिए तैयार करना

  • UN SDGs (Sustainable Development Goals) को समर्थन देना


👥 सम्मेलन में कौन-कौन होंगे शामिल?

इस मेगा इवेंट में भाग लेंगे:

  • सरकारी अधिकारी – हरियाणा सरकार, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय

  • राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ – Circular innovation और ESG पॉलिसी में

  • विदेशी दूतावास – सात देशों के प्रतिनिधि

  • स्टार्टअप्स और MSMEs – अपने नवाचार प्रस्तुत करेंगे

  • CSR और ESG एजेंसियां – जिम्मेदार निवेश पर चर्चा करेंगी


🗓️ कार्यक्रम सारांश

दिनांकगतिविधिविषय
30 जुलाईउद्घाटन सत्रCircular Thinking for Industry Transformation
30 जुलाईपैनल डिस्कशनTextiles, Electronics, Construction, Packaging
31 जुलाईवर्कशॉप्सCSR & ESG, Urban Waste Solutions, Maritime Sustainability
31 जुलाईसम्मान समारोहCircular Economy Excellence Awards

🌐 आयोजक और सहयोगी

  • मुख्य आयोजक: International Council for Circular Economy (ICCE)

  • सहयोगी संस्थाएँ: Haryana Shehri Vikas Pradhikaran (HSVP), Ministry of Environment

  • सहयोगी मीडिया: Dailyhunt, REVOLVE, Waste & Recycling Magazine

  • Knowledge Partner: WOMENforINDIA, India CSR


💡 भारत को इससे क्या लाभ?

  • भारत के 2050 तक ₹2 ट्रिलियन से अधिक सर्कुलर वैल्यू संभावित

  • 1 करोड़ से अधिक नौकरियों की संभावना

  • Waste-to-wealth मॉडल को बल मिलेगा

  • ग्लोबल ग्रीन इकोनॉमी में भारत की भागीदारी मजबूत होगी


🏆 क्या होंगे मुख्य आकर्षण?

🔹 Live Demo Zone – स्टार्टअप अपने recycling मॉडल दिखाएंगे
🔹 Policy Café – नीति निर्माताओं से सीधी बातचीत
🔹 Innovation Pitch – MSME द्वारा टिकाऊ मॉडल्स का प्रदर्शन
🔹 ESG Toolkits – कंपनियों को डेटा, रिपोर्टिंग और निवेश में मदद


📝 विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

"यह केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि भारत की सस्टेनेबिलिटी क्रांति की शुरुआत है।"
डॉ. टी. बांगार राजू, पर्यावरण विश्लेषक

Monday, July 28, 2025

जम्मू-कश्मीर मुठभेड़जम्मू-कश्मीर मुठभेड़ 3 आतंकी मारे गए



 28 जुलाई 2025 को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग ज़िले में भारतीय सुरक्षाबलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी जब उन्होंने एक संयुक्त अभियान में 5 खूंखार आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ पहलगाम के पास जंगलों में हुई जहाँ आतंकियों की मौजूदगी की ख़ुफ़िया जानकारी मिलने के बाद ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।

🛡️ ऑपरेशन की रणनीति

सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस की संयुक्त टीम ने तड़के इलाके को घेर लिया था। आतंकियों ने घेराबंदी का जवाब गोलाबारी से दिया, जिसके बाद करीब 6 घंटे तक मुठभेड़ चली। सेना के पैराट्रूपर्स और ड्रोन यूनिट्स की मदद से आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया।

☠️ मारे गए आतंकी कौन थे?

मारे गए आतंकियों में तीन लश्कर-ए-तैयबा और दो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े बताए जा रहे हैं। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और पाकिस्तान निर्मित संचार यंत्र बरामद किए गए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इन आतंकियों का मकसद घाटी में आगामी स्वतंत्रता दिवस पर बड़ा हमला करना था।

🧠 खुफिया एजेंसियों की भूमिका

इस ऑपरेशन में खुफिया एजेंसियों की बड़ी भूमिका रही। IB और RAW की इनपुट से ही आतंकियों के मूवमेंट को ट्रैक किया गया और सटीक लोकेशन की पहचान हो पाई। सेना की सर्जिकल सटीकता ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी नागरिक हताहत न हो।

🗣️ अधिकारियों की प्रतिक्रिया

सेना प्रमुख जनरल अनिल चौहान ने कहा: “ये ऑपरेशन देश की संप्रभुता के लिए खतरा बने तत्वों के खिलाफ हमारा संकल्प दर्शाता है।” गृह मंत्री अमित शाह ने भी सुरक्षाबलों की पीठ थपथपाते हुए कहा कि आतंक के खिलाफ भारत की नीति अब ‘शून्य सहिष्णुता’ की है।

📢 राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “हमारे जवानों का शौर्य और बलिदान देश को सुरक्षित बना रहा है। यह ऑपरेशन आतंकवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।” वहीं, विपक्ष ने भी इस ऑपरेशन की सराहना की और जवानों को सलाम किया।

Sunday, July 27, 2025

मन की बात : PM मोदी का संदेश

 




भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 27 जुलाई 2025 को “मन की बात” कार्यक्रम का 124वां एपिसोड प्रस्तुत किया। यह एपिसोड न केवल विज्ञान और नवाचार की दिशा में भारत की प्रगति को दर्शाता है, बल्कि भारतीय संस्कृति, स्वच्छता अभियान और युवाओं के योगदान की भी झलक प्रस्तुत करता है।

आइए जानते हैं आज के "मन की बात" में पीएम मोदी ने क्या विशेष बातें कहीं और उनका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है।


🚀 1. चंद्रयान‑3 और शुभांशु शुक्ला: अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियाँ

प्रधानमंत्री मोदी ने चंद्रयान‑3 की सफल लैंडिंग और शुभांशु शुक्ला जैसे युवाओं के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत अब अंतरिक्ष के क्षेत्र में तेजी से अग्रणी बन रहा है।

🗨️ “भारत के युवा आज दुनिया को बता रहे हैं कि हमारा देश अंतरिक्ष के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चला है।” – पीएम मोदी

शुभांशु शुक्ला जैसे युवा वैज्ञानिकों का प्रयास भारतीय ज्ञान परंपरा को विज्ञान से जोड़ने का सार्थक प्रयास है।


🎓 2. विज्ञान और शिक्षा में भारतीय विद्यार्थियों की सफलता

प्रधानमंत्री ने INSPIRE‑MANAK योजना के तहत नवाचार कर रहे स्कूली बच्चों की सराहना की।
उन्होंने बताया कि गणित और रसायन विज्ञान ओलिंपियाड में भारत के बच्चों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है।

📌 साथ ही उन्होंने आगामी International Olympiad on Astronomy & Astrophysics (IOAA) की भी चर्चा की, जो इस बार मुंबई में आयोजित होगा।


🏰 3. भारत की सांस्कृतिक विरासत पर गौरव

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के ऐतिहासिक किलों और विरासत स्थलों का ज़िक्र करते हुए लोगों से इन धरोहरों की देखभाल और प्रचार की अपील की।

उन्होने खास तौर पर चित्तौड़गढ़, कुंभलगढ़, जैसलमेर, जयपुर, गुलबर्गा और चित्रदुर्ग जैसे स्थलों का नाम लिया और युवाओं को अपने आसपास की विरासत को पहचानने और साझा करने के लिए प्रेरित किया।


🌿 4. स्वच्छता अभियान और नागरिक भागीदारी

प्रधानमंत्री मोदी ने "स्वच्छ भारत मिशन" के तहत नागरिकों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में 15 करोड़ लोगों की भागीदारी रही है।

कुछ प्रेरणादायक उदाहरण:

  • अरुणाचल प्रदेश में “ग्रीन रोइंग” अभियान

  • लखनऊ में गोमती नदी की सफाई में युवाओं की भागीदारी

  • भोपाल की महिलाओं की संस्था “सकारात्मक सोच”

  • गोवा के पणजी में कचरे का वैज्ञानिक वर्गीकरण

🗨️ “स्वच्छता केवल सफाई का काम नहीं है, यह एक संस्कार है – एक जीवनशैली है।” – पीएम मोदी


🎉 5. त्योहार और प्रकृति के साथ जुड़ाव

मोदी जी ने जुलाई और अगस्त में आने वाले पर्वों जैसे हरीयाली तीज, नाग पंचमी, रक्षा बंधन और जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने इन पर्वों को प्रकृति से जुड़ाव और पारिवारिक प्रेम का प्रतीक बताया।


👦 6. युवाओं से आत्मनिर्भर भारत की अपील

प्रधानमंत्री ने भारत के युवाओं से आह्वान किया कि वे नवाचार, उद्यमिता, और स्वदेशी सोच की ओर बढ़ें। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना है और इसके लिए युवाओं की भागीदारी सबसे ज़रूरी है।

🗨️ “नए विचार, नए प्रयोग और समाज के लिए नया योगदान – यही आज के युवा भारत की पहचान है।”


📢 निष्कर्ष: प्रेरणा से भरा संवाद

"मन की बात" का यह एपिसोड भारत के वैज्ञानिक, सांस्कृतिक, और सामाजिक क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों का प्रतिबिंब है। यह देश के हर नागरिक को प्रेरित करता है कि वह न केवल अपने जीवन में बल्कि समाज में भी कुछ सकारात्मक बदलाव लाए।

स्वच्छता कर्मचारियों के लिए आयोग बनेगा बिहार में

 



बिहार सरकार ने हाल ही में स्वच्छता कर्मचारियों के हितों की रक्षा और उनके सामाजिक उत्थान के लिए एक ऐतिहासिक घोषणा की है। राज्य में जल्द ही एक "State Sanitation Workers Commission" की स्थापना की जाएगी, जो न केवल कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करेगा बल्कि उन्हें स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन की दिशा में नई राह भी दिखाएगा।

यह निर्णय उन लाखों स्वच्छता कर्मियों के लिए उम्मीद की एक किरण है, जो वर्षों से बिना पहचान और संरचना के काम करते आ रहे हैं।


📜 क्यों ज़रूरी है यह आयोग?

स्वच्छता कर्मचारी — जिन्हें कई बार "अदृश्य योद्धा" कहा जाता है — हर दिन हमारे शहरों और गांवों को साफ-सुथरा बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। फिर भी, ये समुदाय अक्सर सामाजिक भेदभाव, आर्थिक असुरक्षा और स्वास्थ्य जोखिमों का शिकार होता है।

🚫 आज की प्रमुख समस्याएं:

  • स्थायी रोजगार की कमी

  • सुरक्षा उपकरणों की अनुपलब्धता

  • स्वास्थ्य बीमा और चिकित्सा सुविधाओं की कमी

  • सामाजिक सम्मान की कमी

  • भेदभाव और अस्पृश्यता का सामना

ऐसे में राज्य स्तर पर एक आयोग इन सभी मुद्दों को व्यवस्थित रूप से सुलझाने की दिशा में अहम कदम होगा।


🏛 क्या होगा इस आयोग का काम?

बिहार सरकार की घोषणा के अनुसार, यह आयोग निम्नलिखित कार्य करेगा:

✅ 1. स्वच्छता कर्मियों की पहचान और पंजीकरण

हर शहर और गांव में कार्यरत कर्मियों का डेटा तैयार कर उन्हें एक मान्यता प्राप्त वर्ग में लाया जाएगा।

✅ 2. सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए योजनाएं

  • सुरक्षा उपकरण (जैसे मास्क, दस्ताने, जूते) अनिवार्य किए जाएंगे।

  • हेल्थ चेकअप और बीमा की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

✅ 3. सामाजिक सुरक्षा और सम्मान

  • कर्मियों को सामाजिक पेंशन, आवास योजनाओं और शैक्षणिक मदद में प्राथमिकता दी जाएगी।

  • उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान देने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे।

✅ 4. शिकायत निवारण तंत्र

कर्मियों की शिकायतों और समस्याओं को सीधे आयोग द्वारा सुना और हल किया जाएगा।


👥 कौन होंगे इस आयोग में?

बिहार सरकार के प्रस्तावित ढांचे के अनुसार:

  • इसमें सरकारी अधिकारी, स्वच्छता क्षेत्र के विशेषज्ञ, NGO प्रतिनिधि, और स्वयं स्वच्छता कर्मचारियों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।

  • खास बात यह है कि महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय को भी इस आयोग में शामिल किया जाएगा, जो समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।


📌 बिहार सरकार का दृष्टिकोण

राज्य सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि यह आयोग केवल कागज़ों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जमीनी स्तर पर policy formation, welfare execution और dignity assurance में सक्रिय भूमिका निभाएगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे एक "सामाजिक न्याय और समर्पण का प्रतीक" बताया है।

Saturday, July 26, 2025

प्रधानमंत्री मोदी का तमिलनाडु दौरा: तुतिकोरिन एयरपोर्ट का उद्घाटन, दक्षिण भारत में उड़ान विकास की नई दिशा

 


भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 26 जुलाई 2025 को तमिलनाडु के तुतिकोरिन (Tuticorin) शहर में एक बेहद आधुनिक और भव्य नए एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन किया। इस उद्घाटन के साथ ही दक्षिण भारत के इस बंदरगाही शहर को हवाई संपर्क और क्षेत्रीय व्यापार में एक नई ऊँचाई मिली है।


📍 तुतिकोरिन एयरपोर्ट का महत्व

Tuticorin, जिसे अब Thoothukudi Airport के नाम से जाना जाता है, एक प्रमुख बंदरगाही शहर है। यह शहर समुद्री व्यापार, मछली उद्योग, और नमक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों की मांग बढ़ती जा रही थी, जिसे देखते हुए यह नया टर्मिनल बनाया गया है।


🏗️ नया टर्मिनल भवन: क्या है खास?

फीचरविवरण
कुल क्षेत्रफल13,000 वर्ग मीटर
क्षमताप्रति घंटे 600 यात्री
डिज़ाइनपारंपरिक तमिल स्थापत्य शैली से प्रेरित
टेक्नोलॉजीहाई-टेक सुरक्षा, स्कैनिंग सिस्टम और डिजिटल डिस्प्ले
पर्यावरणसौर ऊर्जा, वर्षा जल संचयन और हरित प्रमाणन प्रणाली

यह नया टर्मिनल UDAN योजना और विकसित भारत मिशन का हिस्सा है, जिससे भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों को बेहतर हवाई कनेक्टिविटी मिले।


🧭 पीएम मोदी का संबोधन

अपने उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी ने कहा:

“Tuticorin न केवल तमिलनाडु बल्कि पूरे भारत का गौरव है। यहाँ से व्यापार, पर्यटन और तीर्थाटन को बल मिलेगा। नया एयरपोर्ट इस क्षेत्र को भविष्य की उड़ान देगा।”

उन्होंने तमिल संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि सरकार दक्षिण भारत के विकास को विशेष प्राथमिकता दे रही है।


📸 उद्घाटन के दौरान हुए कार्यक्रम:

  • प्रधानमंत्री ने एयरपोर्ट का डिजिटल उद्घाटन किया।

  • स्थानीय कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य और संगीत से स्वागत किया।

  • एयरपोर्ट में विशेष रूप से “तमिल विरासत गैलरी” बनाई गई है, जो यात्रियों को स्थानीय संस्कृति से जोड़ती है।

  • केंद्रीय उड्डयन मंत्री और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री भी मंच पर उपस्थित रहे।


🛣️ अन्य परियोजनाएं जिनका शिलान्यास हुआ

प्रधानमंत्री ने सिर्फ एयरपोर्ट ही नहीं, बल्कि अन्य बड़ी परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया, जैसे:

  • Tuticorin-Chennai फास्ट रेल कॉरिडोर

  • नया समुद्री व्यापारिक टर्मिनल

  • शहरी सड़कें और जल आपूर्ति योजनाएं

इन सबका उद्देश्य है — दक्षिण भारत को व्यापार, पर्यटन और रोजगार का हब बनाना।

Wednesday, July 23, 2025

गुजरात ATS ने अल-कायदा मॉड्यूल का भंडाफोड़: चार आतंकी गिरफ्तार

 

 क्या है मामला?

गुजरात ATS को इनपुट मिला था कि कुछ संदिग्ध लोग भारत में अल-कायदा से जुड़े नेटवर्क के जरिए आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी सूचना के आधार पर ATS की टीमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश पहुंचीं और 23 जुलाई 2025 को समन्वित ऑपरेशन के बाद चार संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया।


🌐 अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) से संबंध

जांच में यह सामने आया है कि गिरफ्तार किए गए सभी आतंकी "अल-कायदा इन द इंडियन सबकॉन्टिनेंट" (AQIS) से जुड़े हुए थे।
इनका उद्देश्य भारत में आतंकी नेटवर्क फैलाना, युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ना, और फंडिंग के माध्यम से आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देना था।


🧾 क्या-क्या बरामद हुआ?

गुजरात ATS ने आतंकियों के पास से जो चीजें बरामद कीं, उसमें शामिल हैं:

  • “ऑपरेशन सिंदूर” से जुड़े दस्तावेज

  • रैडिकल विचारधारा वाले पर्चे और किताबें

  • फर्जी पहचान पत्र और संपर्क लिस्ट

  • डिजिटल डिवाइसेज़ जिनमें संदिग्ध चैट और वीडियो मौजूद हैं

यह सब इस बात का संकेत है कि आतंकियों की योजना गहरी और संगठित थी।


🎯 आतंकियों की योजना क्या थी?

प्रारंभिक पूछताछ में ये बातें सामने आई हैं:

  • भारत के भीतर स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाकर भर्ती करना

  • धार्मिक उन्माद फैलाकर अशांति पैदा करना

  • अल-कायदा की विचारधारा को सोशल मीडिया के ज़रिए फैलाना

  • आतंकी गतिविधियों के लिए फंडिंग चैनल बनाना


🕵️‍♂️ अब तक की जांच और आगे की कार्रवाई

गुजरात ATS अब इन चार आतंकियों से गहराई से पूछताछ कर रही है।
इसके अलावा:

  • इनके स्थानीय संपर्कों की तलाश की जा रही है

  • फंडिंग सोर्स की जांच की जा रही है

  • केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसियाँ भी इस जांच में शामिल हो गई हैं

  • संभव है कि इनके पीछे अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क हो


📌 गिरफ्तारी की मुख्य जानकारी (सारणी में)

जानकारीविवरण
गिरफ्तारी की तारीख23 जुलाई 2025
गिरफ्तार जगहउत्तर प्रदेश व दिल्ली
गिरफ्तार आतंकियों की संख्या4
आतंकी संगठनAQIS (Al Qaeda in Indian Subcontinent)
बरामद सामग्रीऑपरेशन सिंदूर दस्तावेज, फर्जी ID, रैडिकल कंटेंट
जांच एजेंसियाँगुजरात ATS, IB, NIA

🚨 क्या कहती है यह घटना?

इस घटना से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि भारत में आतंकी संगठन नए तौर-तरीकों और नेटवर्किंग के जरिए कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
लेकिन हमारी सुरक्षा एजेंसियाँ पूरी सतर्कता से ऐसे नेटवर्क को समय रहते पहचान कर नष्ट कर रही हैं।


🙏 निष्कर्ष

गुजरात ATS की यह कार्रवाई देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है। इससे न सिर्फ एक बड़ी साजिश को नाकाम किया गया, बल्कि यह भी साबित हुआ कि भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ सजग और सक्षम हैं।

आने वाले दिनों में इस केस से जुड़े और कई खुलासे हो सकते हैं। देश की जनता को सजग रहने की जरूरत है और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या सुरक्षा एजेंसियों को देनी चाहिए।


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